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यूपी की सरकारी बिजली कंपनियों ने एक निजी संस्था को दिया 1.30 करोड़ का चंदा

Lucknow: पावर कारपोरेशन (UPPCL)और बिजली कंपनियों की स्थिति भी अजीब है। घाटे के नाम पर प्रदेश की दो बिजली कंपनियों को निजी घराने को सौंपने की कोशिश चल रही है। जबकि यही कंपनियां उपभोक्ताओं से वसूले राजस्व से निजी संस्था ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोसिएशन (All India Discom Association) को 1 करोड़ 30 लाख 80 हजार रुपये चंदा व सदस्यता शुल्क दे रही हैं। इस खुलासे के बाद शक्ति भवन में हडक़म्प मच गया है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) में लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल कर मामले की सीबीआई (CBI) जांच की मांग उठाई है।

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने दावा किया कि पिछली 3 जून 2025 को गोमती नगर के एक पांच सितारा होटल में इस संस्था का गठन हुआ था। वह भी ऐसे समय में जब पूर्वांचल और दक्षिणांचल ऊर्जा निगमों को निजी घराने को सौंपने की योजना पर काम चल रहा है। उक्त संस्था के महामंत्री कोई और नहीं बल्कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन आशीष कुमार गोयल हैं। जबकि डायरेक्टर जनरल पूर्व केंद्रीय ऊर्जा सचिव और पावर कारपोरेशन के पूर्व अध्यक्ष आलोक कुमार हैं जो सेवानिवृत्त आईएएस हैं।

बगैर अनुमति दिया चंदा

उपभोक्ता परिषद का आरोप है कि बिजली कंपनियों ने आयोग की अनुमति के बिना ही इस निजी संस्था को चंदा देया है। जबकि यह रुपया उपभोक्ताओं से वसूले गए राजस्व का था। कारपोरेशन प्रबंधन या बिजली कंपनियां को राजस्व की धनराशि किसी निजी संस्था को चंदे के रूप देने का अधिकार नहीं है।

अवधेश वर्मा ने कहा कि घाटे में चल रही बिजली कंपनियों का करोड़ों रुपये चंदे में देना पूरी तरह असंवैधानिक है। उन्होंने आशंका जताई कि इतनी बड़ी रकम में बंदरबांट हुई होगी। अवधेश वर्मा ने कहा कि पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए इस संस्था को फायदा पहुंचाया है। परिषद ने नियामक आयोग से मांग की कि सुनिश्चित किया जाए कि इस प्रकार का खर्च उपभोक्ताओं पर भार न बने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

सभी कंपनियों ने दिए 21.80 लाख

कॉरपोरेशन ने आल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन की सदस्यता लेने के लिये 11.80 लाख रुपए का भुगतान किया है। इसमें 10 लाख रुपए सदस्यता शुल्क व 1.80 लाख रुपए जीएसटी शामिल है। इसके अतिरिक्त इनीशियल कॉन्ट्रिब्यूशन के रूप में 10 लाख रुपए का अलग भुगतान किया है। इस प्रकार पावर कॉरपोरेशन ने आल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन को कुल 21.80 लाख रुपए का भुगतान पिछली 3 जून को किया।

कॉरपोरेशन के निर्देश पर पूर्वांचल, दक्षिणांचल, पश्चिमांचल, केस्को और मध्यांचल विद्युत निगम ने ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन को अलग-अलग 21 लाख 80 हजार रुपए का भुगतान 3 जून को किया था। पांचों निगमों ने कुल एक करोड़ 30 लाख 80 हजार रुपए का भुगतान ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन को किया है।

एसोशिएशन में 39 सदस्य होने का दावा

एसोशिएशन के डायरेक्टर जनरल आलोक कुमार के 1 अगस्त के पत्र से पता चलता है कि अब तक देश के 39 विद्युत वितरण निगम ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन की सदस्यता ले चुके हैं। यदि सभी विद्युत वितरण निगमों ने न्यूनतम 21.80 लाख रुपए भी दिया हो तो अब तक ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन को चंदे के रूप में 8 करोड़ 50 लाख 20 हजार रुपए चंदे के रूप में मिल चुके होंगे।

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