UP

जिलाधिकारी नेहा शर्मा की पहल से ग्राम मरगूबपुर में आकार लेगा ‘अटल वन’

5100 पौधों का होगा रोपण, जनभागीदारी की मिसाल बनेगा यह हरित प्रयास

GONDA: गोंडा में जिलाधिकारी नेहा शर्मा की पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक और अनूठी पहल सामने आई है। ग्राम पंचायत मरगूबपुर में 3.3680 हेक्टेयर भूमि पर ‘अटल वन’ की स्थापना की जा रही है, जिसमें 21 जुलाई को विशेष कार्यक्रम के अंतर्गत 5100 पौधों का एक साथ सामूहिक रोपण किया जाएगा। इस योजना को लेकर जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिसमें जनसहभागिता और सतत संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है।

संवेदनशील सोच, सशक्त योजना

अटल वन का नामकरण भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में किया गया है। इस वन में हरिशंकरी प्रजाति के पौधे, त्रिवेणी वन, पंचवटी क्षेत्र, औषधीय वनस्पति वाटिका, नवग्रह वाटिका, साथ ही फलदार और इमारती वृक्षों का समावेश किया जाएगा। इस तरह का संरचनात्मक संयोजन इसे केवल एक पौधारोपण स्थल न बनाकर सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पारिस्थितिक रूप से समृद्ध वन क्षेत्र में तब्दील करेगा।

मनरेगा के माध्यम से सतत देखभाल

इस पहल को मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) से जोड़ा गया है, जिसके अंतर्गत पौधों की निराई, गुड़ाई, सिंचाई और सफाई जैसे कार्य नियमित रूप से श्रमिकों द्वारा किए जाएंगे। साथ ही तारबंदी की व्यवस्था से पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने स्वयं इस परियोजना की निगरानी करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि इसमें स्थानीय ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी हो, जिससे हर नागरिक अपने द्वारा लगाए गए पौधे से भावनात्मक रूप से जुड़ सके। उनका मानना है कि “पर्यावरण संरक्षण तभी सफल होगा जब समाज इसकी जिम्मेदारी को व्यक्तिगत दायित्व समझे। अटल वन इस सोच का मूर्त रूप है।”

जनसहभागिता की मिसाल

कार्यक्रम के दौरान 5100 नागरिकों द्वारा 5100 पौधे लगाए जाएंगे – यह केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक संदेश है सामूहिक चेतना और हरित भविष्य का। जनसहभागिता के माध्यम से गोंडा जिले में एक हरित क्रांति लाने की दिशा में यह एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button