1 अगस्त को प्रदेशव्यापी रोष मार्च: निजीकरण, मर्जर और पुरानी पेंशन बहाली को लेकर अटेवा का बड़ा आंदोलन

LUCKNOW: पुरानी पेंशन की बहाली, स्कूलों के मर्जर और सरकारी विभागों में बढ़ते निजीकरण के खिलाफ 1 अगस्त को पूरे उत्तर प्रदेश में अटेवा/NMOPS के नेतृत्व में रोष मार्च निकाला जाएगा। अटेवा अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि यह आंदोलन सरकार को चेताने के लिए है ताकि शिक्षकों और कर्मचारियों की अनदेखी बंद हो और उनके अधिकार बहाल किए जाएं।
अटेवा पेंशन बचाओ मंच की प्रदेश स्तरीय बैठक लखनऊ के सदर स्थित कार्यालय में आयोजित हुई, जिसमें 1 अगस्त को पूरे प्रदेश में आयोजित किए जाने वाले रोष मार्च की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए ताकि मार्च को सफल बनाया जा सके।
बैठक को संबोधित करते हुए अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि,
सरकार द्वारा स्कूलों का मर्जर और लगातार निजीकरण की नीति से शिक्षक और कर्मचारी वर्ग आहत है। इससे न केवल रोजगार के अवसर घटेंगे बल्कि बालिकाओं की शिक्षा भी प्रभावित होगी। रोष मार्च के माध्यम से सरकार से मांग की जाएगी कि वह निजीकरण पर रोक लगाए, मर्जर की नीतियों को वापस ले और पुरानी पेंशन बहाल करे।
प्रदेश महामंत्री डॉ. नीरज त्रिपाठी ने कहा कि सरकार को शिक्षकों और कर्मचारियों के आक्रोश को समझते हुए स्कूलों का मर्जर वापस लेना चाहिए।
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लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ नेता भारत सिंह ने बताया कि इस रोष मार्च में उनके विभाग के कर्मचारी बड़ी संख्या में भाग लेंगे।
पंचायती राज सफाई कर्मचारी संघ के महामंत्री रामेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश के सफाई कर्मचारी भी पूरी ताकत से इस आंदोलन में भाग लेंगे क्योंकि “अटेवा ही अब कर्मचारियों की आखिरी उम्मीद है।”
प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. राजेश कुमार ने मांग की कि सरकार अर्धसैनिक बलों समेत सभी कर्मचारियों और शिक्षकों को पुरानी पेंशन बहाल करने का निर्णय ले। लखनऊ जिला संयोजक सुनील वर्मा ने जानकारी दी कि राजधानी में रोष मार्च का शुभारंभ वरिष्ठ कर्मचारी नेता वी.एन. सिंह की प्रतिमा से किया जाएगा।
बैठक में कई प्रमुख पदाधिकारी एवं प्रतिनिधि मौजूद रहे, जिनमें रजत प्रहरी, नरेंद्र कुमार यादव, डॉ. रमेश चंद्र त्रिपाठी, डॉ. रवीन्द्र सिंह, विजय कुमार विश्वास, हरे गोविन्द, विवेक, शिवलाल, रेलवे से विजय प्रताप यादव और सुरेश प्रसाद शामिल थे।