
LUCKNOW: सरकार ने राज्य के गैर-व्यावसायिक वाहनों (कार, जीप और वैन) के लिए FASTag आधारित वार्षिक टोल पास योजना (FASTag Annual Pass) की शुरुआत की है। इस योजना के तहत वाहन मालिकों को देश के राष्ट्रीय राजमार्गो एवं राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे पर स्थित चुनिंदा टोल प्लाजा पर अनलिमिटेड यात्रा की सुविधा मिलेगी। सराकर ने साफ किया है कि यह पास उत्तर प्रदेश के लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे सहित अन्य राज्य एक्सप्रेसवे पर लागू नहीं होगा।
समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यह पास केवल राज्य के सामान्य राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों पर स्थित टोल प्लाजा के लिए मान्य होगा, न कि एक्सप्रेसवे पर।
योजना की मुख्य विशेषताएं
FASTag वार्षिक पास योजना 15 अगस्त 2025 से प्रभावी रूप से लागू की गई है। यह पास गैर-व्यावसायिक वाहनों के लिए है और इसका उद्देश्य स्थानीय यात्रियों को बार-बार टोल भुगतान की झंझट से मुक्ति दिलाना है। योजना की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:
यह पास खरीदने की तारीख से एक वर्ष तक अथवा 200 टोल भुगतान तक वैध रहेगा। इसके लिए वाहन मालिक को 3,000 रुपये का एकमुश्त भुगतान करना होगा। यदि वाहन का दैनिक टोल शुल्क कम है, तो यह पास विशेष रूप से फायदेमंद होगा।
यह वर्तमान फास्टैग पर ही काम करेगा, इसके लिए नया फास्टैग खरीदने की जरूरत नहीं है। इस फास्टैग को एक्टिवेट करने के लिए राजमार्ग यात्रा ऐप या एनएचएआई की वेबसाइट से एक्टिवेट किया जा सकता है। अतिरिक्त जानकारी के लिए राजमार्ग यात्रा ऐप डाउनलोड करें या वेबसाइट https://rajmargyatra.nhai.gov.in पर विजिट करें।
विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ ‘शुभारंभ FASTag वार्षिक पास’ का लोगो भी शामिल है, जो भारत सरकार की राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की पहल को दर्शाता है। योजना का उद्देश्य टोल संग्रह को डिजिटल और सुगम बनाना है, साथ ही वाहन चालकों को राहत प्रदान करना है।
एक्सप्रेसवे पर क्यों नहीं लागू?
उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे की अलग टोल नीति है, जो उच्च गति और लंबी दूरी की यात्रा के लिए डिजाइन की गई है। विज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि FASTag वार्षिक पास एक्सप्रेसवे पर लागू नहीं होगा। इसका कारण यह है कि एक्सप्रेसवे पर टोल दरें अधिक हैं और वे अलग प्रबंधन (जैसे UPEIDA) के अधीन हैं। एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वाले वाहनों को दूरी-आधारित टोल का भुगतान करना पड़ता है, और वार्षिक पास जैसी योजना वहां लागू नहीं की गई है।
उत्तर प्रदेश में प्रमुख एक्सप्रेसवे
उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे नेटवर्क वाला राज्य है, जहां कुल 15 से अधिक एक्सप्रेसवे हैं या निर्माणाधीन हैं। इन पर FASTag वार्षिक पास लागू नहीं होगा। प्रमुख एक्सप्रेसवे की सूची इस प्रकार है:
1. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra Lucknow Expressway): 302 किमी लंबा, आगरा से लखनऊ को जोड़ता है। उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे।
2. यमुना एक्सप्रेसवे (ताज एक्सप्रेसवे) (Yumna Expressway): 165 किमी, ग्रेटर नोएडा से आगरा तक। दिल्ली-आगरा यात्रा को तेज करता है।
3. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Purvanchal Expressway): 340 किमी, लखनऊ से गाजीपुर तक। पूर्वी यूपी को जोड़ता है।
4. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway): 296 किमी, चित्रकूट से इटावा तक। बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण।
5. गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway): 594 किमी (देश का सबसे लंबा), मेरठ से प्रयागराज तक। 2025 तक पूर्ण होने की उम्मीद।
6. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Link Expressway): 91 किमी, गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ता है।
7. ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (Eastern Periferal Expressway): 135 किमी, दिल्ली के आसपास, यूपी में बड़ा हिस्सा।
8. अंबाला-शामली एक्सप्रेसवे (Ambala Shamli Expressway) : यूपी में हिस्सा, शामली को जोड़ता है।
9. गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे: निर्माणाधीन, 380 किमी।
10. लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे : निर्माणाधीन 2026 में पूर्ण होने की उम्मीद।
ये एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) के अधीन हैं और इन पर टोल FASTag से लिया जाता है, लेकिन वार्षिक पास योजना लागू नहीं है। यात्रियों को दूरी के आधार पर भुगतान करना पड़ता है।
यह योजना राज्य के लाखों वाहन चालकों के लिए राहत भरी है, खासकर उन लोगों के लिए जो दैनिक रूप से शहरों के बीच यात्रा करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे टोल प्लाजा पर भीड़ कम होगी और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, एक्सप्रेसवे उपयोगकर्ताओं को उम्मीद थी कि यह योजना एक्सप्रेसवे पर भी लागू होगी।
यूपी में 123 टोल प्लाजा पर मिलेगी सुविधा
सरकार की ओर से जारी विज्ञापन के अनुसार 31 जुलाई 2025 तक उत्तर प्रदेश में प्रारंभ 123 टोल प्लाजा की सूची दी गई है, जहां यह वार्षिक पास लागू होगा। राज्य के विभिन्न जिलों जैसे लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ आदि में फैले हुए हैं। ये मुख्य रूप से NH-2, NH-19, NH-24, NH-30 आदि पर हैं। यह सभी एक्सप्रेसवे से अलग हैं।
ये टोल प्लाजा सामान्य राजमार्गों पर हैं, जहां दैनिक यातायात अधिक है लेकिन एक्सप्रेसवे की तरह हाई-स्पीड नहीं। सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया है कि यह पास इन टोल प्लाजा पर ही मान्य होगा, जिससे स्थानीय निवासियों को लाभ मिलेगा।