UP

पूर्वांचल में 3,605 स्मार्ट मीटर की रीडिंग सवेरे 8 से रात 10 तक शून्य

1,218 स्मार्ट मीटरों में करंट के बाद भी वोल्टेज शून्य

Lucknow: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (UPPCL) ने जो स्मार्ट मीटर बड़ी कम्पनियों से खरीदे हैं उनकी क्वालिटी बहुत ही खराब है। पूर्वांचल के जिलों में 3,605 मीटर ऐसे मिले जिनमें सवेरे 8 से रात 10 बजे तक बिजली चलने के बाद भी रीडिंग शून्य रही। जबकि 1,896 मीटर ऐसे थे जिनमें लगातार 15 दिन तक रीडिंग शून्य दर्ज हुई। सबसे गंभीर बात यह थी कि 1,218 मीटर में करंट होने पर भी वोल्टेज शून्य रहा है।

प्रदेश में स्मार्ट प्री पेड मीटर को लेकर उठ रहे विवाद के बीच राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कई और खुलासे कर दिए। जीनस कंपनी के स्मार्ट मीटर में आ रही तकनीकी खामियों को उजागर करते हुए यूपी पीसीएल प्रबंधन जानबूझकर सारी सच्चाई सामने नहीं ला रहा है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि प्रबंधन केवल वही बात सार्वजनिक करता है, जो उसके लिए हितकर हो, जबकि वास्तविक कुछ और ही होती है। उपभोक्ता इन स्मार्ट मीटर से बहुत ही परेशान हैं मगर प्रबंधन उन बातों पर चुप्पी साधे हैं। दरअसल शनिवार को शक्ति भवन में पावर कॉरपोरेशन ने जीनस कंपनी के मीटरों की समीक्षा बैठक हुई। सभी बिजली कम्पनियों के अफसरों के सामने कहा गया कि अभी तक लगाए गए 40 लाख स्मार्ट प्री पेड मीटर की खामियां दूर करने के बाद ही नए सिंगल फेस मीटर लगाए जाएं।

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पूर्वांचल में 3,605 स्मार्ट मीटर की रीडिंग सवेरे 8 से रात 10 तक शून्य

परिषद ने टेक्निकल रिपोर्ट का खुलासा किया

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि 15 सितम्बर को पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष के लिए तैयार बुकलेट को पढऩे के बाद कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। यह मामला पूरे देश के लिए तकनीकी अध्ययन का विषय है। स्मार्ट मीटर के बड़ी संख्या में ऐसे केस सामने आए जिसमें करंट होने के बाद भी मीटर पर वोल्टेज शून्य दर्ज किया गया। अगर वोल्टेज शून्य दर्ज होती है तो पावर कैलकुलेशन का पूरा फार्मूला ही बदल जाता है। ऐसे में मीटर की रीडिंग जीरो हो जाती है। ऐसी स्थिति में पूरा प्रोजेक्ट फेल हो सकता है। प्रबंधन इस पर को छिपाने की कोशिश कर रहा है कि 3,605 स्मार्ट मीटरों की रीडिंग दिन भर शून्य ही रही। इसकी जांच होनी चाहिए कि मीटर में आखिर ऐसी क्या खराबी है कि रीडिंग शून्य आ रही है।

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2012 में भी मिली थीं खामियां

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि आज ही नहीं साल 2012 में भी जीनस कंपनी के मीटरों में गंभीर खामियां पाई गई थीं। उस समय आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने कई जिलों का दौरा किया। दर्जनों की संख्या में मीटरों की जांच कराई गई थी। इसमें मीटरों में आने वाली तकनीकी कमियां उजागर हो गई थीं। अब लगभग वैसी ही तकनीकी गड़बडिय़ां फिर से सामने आ रही हैं।
वर्मा ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन को इन तकनीकी खामियों पर गंभीरता से विचार करना होगा, वरना पूरे स्मार्ट प्रीपेड मीटर प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े हो जाएंगे।

पूर्वांचल में 3,605 स्मार्ट मीटर की रीडिंग सवेरे 8 से रात 10 तक शून्य

गोयल ने कहा जल्दी दूर करें खामियां

स्मार्ट मीटर में तेज चलने से लेकर कई अन्य प्रकार की खामियां हैं। इसकी शिकायतें रोजाना आ रही हैं। पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष आशीष गोयल ने निर्देश दिया कि पहले से लगाए गए मीटरों में आ रही खामियों को तुरंत दूर किया जाए। यह निर्देश उन्होंने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनियां के अफसरों को दिए हैं। कहा कि अब तक लगाए गए मीटरों में करीब दो प्रतिशत में तकनीकी दिक्कतें सामने आई हैं। श्री गोयल ने स्मार्ट मीटर की समीक्षा करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को परेशानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कंपनियों से साफ कहा कि एक सप्ताह के भीतर सभी खराब मीटर दुरुस्त कर दिए जाएं। यदि ऐसा नहीं हुआ तो संबंधित कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की रफ्तार बढ़ाई जाएगी, लेकिन गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं होगा। पिछले कुछ दिनों से उपभोक्ता लगातार खराब मीटरों की शिकायत कर रहे थे।

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