उत्तर प्रदेश के 3.60 करोड़ लोगों को खिलाई जाएंगी फाइलेरिया की दवा
लखनऊ। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एस0पी0 सिंह बघेल द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम का देशव्यापी अभियान उत्तर प्रदेश सहित 11 राज्यों में शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उ0प्र0 डॉ0 पिंकी जोवल सहित चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय राज्य मंत्री एवं वर्चुअल माध्यम से जुड़े हुए प्रतिभागियों ने व्यापक जन भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया।
इस अवसर पर लाल बहादुर शास्त्री ‘एनेक्सी’के सभाकक्ष में आयोजित कार्यक्रम में मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उ0प्र0 डॉ0 पिंकी जोवल ने बताया कि प्रदेश में अगस्त 2023 के मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम में लगभग 84 प्रतिशत से अधिक लाभार्थियों को फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाना सुनिश्चित किया गया। इस बार शत-प्रतिशत लाभार्थियों को दवाएं खिलाने के अथक प्रयास किये जा रहें हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के स्कूलों के लगभग 3-5 लाख बच्चों को भी फाइलेरिया के उन्मूलन के प्रति प्रतिबद्धता की शपथ दिलाई जाएगी।
इसके साथ ही कार्यक्रम के दौरान ई-कवच के माध्यम से ए0एन0एम0 व आशा कार्यकर्ताओं के कार्यों की प्रगति की मॉनिटरिंग की जा रही है। इस एप्लीकेशन के जरिए महिलाओं और बच्चों की सेहत की सटीक जानकारी लेने में भी बहुत सहायता मिल रही है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के दौरान छूटे हुए लोगों को टीमें बनाकर और रात्रि भ्रमण कर, अपने सामने दवाएं खिलाना सुनिश्चित किया जायेगा ताकि इस कार्यक्रम को पूरी तरह सफल बनाया जा सके।
उत्तर प्रदेश के फाइलेरिया प्रभावित 7 जनपदों-बलिया, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, शाहजहांपुर, सोनभद्र और पीलीभीत में दो दवाओं (डी0ई0सी0 और एल्बेन्डाजोल) के साथ और अन्य 10 जनपदों- अमेठी, आजमगढ़, बाँदा, बाराबंकी, बरेली, लखनऊ, प्रतापगढ़, प्रयागराज, उन्नाव और वाराणसी में तीन दवाओं (डी0ई0सी0, एल्बेन्डाजोल और आईवरमेक्टिन) के साथ मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम (आईडीए) शुरू किया गया है।
इस चक्र में लगभग 3 करोड़ 60 लाख लोगों को फ़ाइलेरिया से सुरक्षित रखने की दवाएं खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन बूथ एवं घर-घर जाकर कराया जायेगा। फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। रक्तचाप] शुगर एवं अन्य सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्ति भी इन दवाओं का सेवन कर सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया गया कि 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों] गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को ये दवाएं नहीं दी जाएंगी।
इस अवसर पर प्रदेश के महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ, डॉ0 बृजेश राठौर, निदेशक (स्वास्थ्य) डॉ0 बी0पी0एस0 कल्याणी] निदेशक (संचारी रोग) डॉ0 विकासेन्दु अग्रवाल, संयुक्त निदेशक (फाइलेरिया) डॉ0 रमेश सिंह ठाकुर के साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उ0प्र0 के महाप्रबंधक, राष्ट्रीय कार्यक्रम (संचारी रोग), डॉ0 अम्बुज श्रीवास्तव, उपमहाप्रबंधक- राष्ट्रीय कार्यक्रम (संचारी रोग) डॉ0 अमित ओझा एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।