केजीएमयू में धर्मांतरण का मामला गरमाया, गेट पर बंजरग दल का प्रदर्शन

कुलपति ने जांच और कार्रवाई का दिया आश्वासन
Lucknow: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर के धर्मांतरण प्रयास के आरोप को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP)और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को प्रदर्शन किया। बजरंग दल के पदाधिकारी और कार्यकर्ता केजीएमयू के गेट पर जुटे और हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर जय श्रीराम के नारे लगाए।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि केजीएमयू के एक मुस्लिम रेजिडेंट डॉक्टर ने महिला रेजिडेंट डॉक्टर पर शादी से पहले धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया। मना करने पर उसे मानसिक रूप से प्रताडि़त किया गया, जिससे परेशान होकर युवती ने आत्महत्या का प्रयास किया। मामले की शिकायत पीडि़ता के पिता ने मुख्यमंत्री और राज्य महिला आयोग से की है। प्रदर्शन के दौरान बजरंग दल और वीएचपी नेताओं ने केजीएमयू प्रशासन से आरोपी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।
कुलपति से वार्ता के बाद प्रशासन ने जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।कुलपति से वार्ता के बाद इस बात पर सहमति बनी कि आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर को जांच समिति के समक्ष पेश होना होगा। कुलपति ने बताया कि आरोपी को दोपहर 2 बजे तक जांच टीम के सामने उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं। यदि वह पेश नहीं होता है तो शाम तक उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता केजीएमयू
विश्व हिंदू परिषद के नेता समरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि केजीएमयू प्रशासन यह कहकर जिम्मेदारी से नहीं बच सकता कि उसके पास कोई लिखित शिकायत नहीं है। उसे स्वत: संज्ञान लेकर निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि केजीएमयू कैंपस में हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर धर्मांतरण कराया जा रहा है और यह देखा जाना चाहिए कि कहीं परिसर में कोई संगठित गिरोह सक्रिय तो नहीं है। बजरंग दल के प्रांतीय संगठन मंत्री विजय प्रताप ने कहा कि केजीएमयू के कुछ विभागों में एक विशेष वर्ग का नेक्सस काम कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि केजीएमयू को “मुर्शिदाबाद” नहीं बनने दिया जाएगा और जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा।

और बड़े आंदोलन की चेतावनी
बजरंग दल के जिला संयोजक दीपक साहू ने कहा कि यदि केजीएमयू प्रशासन ने ठोस कार्रवाई नहीं की तो हजारों कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने इस मामले को “लव जिहाद” से जोड़ते हुए कहा कि केवल आश्वासन से संगठन संतुष्ट नहीं होगा।
केजीएमयू प्रशासन ने शुरू की जांच
केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. केके सिंह ने बताया कि फिलहाल प्रशासन को कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, लेकिन इसके बावजूद अपने स्तर पर छानबीन शुरू कर दी गई है। पीडि़ता रेजिडेंट डॉक्टर कोलकाता की रहने वाली है, जबकि आरोपी उत्तराखंड का निवासी है। आरोप है कि आरोपी पहले से शादीशुदा है, जबकि केजीएमयू को दिए गए एफिडेविट में उसने खुद को अविवाहित बताया है। सोमवार को दोनों पक्षों के परिजनों को विश्वविद्यालय बुलाया गया
गया था। परिजन महिला आयोग गये थे। इस कारण समय से नहीं आ सके। उनका बयान मंगलवार को दर्ज किया जायेगा।
खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय
रेजिडेंट डॉक्टर के धर्मांतरण प्रयास और पूर्व में एक अन्य डॉक्टर के कथित धर्मांतरण के मामले को देखते हुए खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। एजेंसियां पुराने मामलों की सच्चाई की जांच कर रही हैं और आरोपी तथा पीडि़त दोनों का ब्योरा जुटाया जा रहा है।



