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लखनऊ में मिला कोरोना पॉजिटिव मरीज, यूपी में 10 नए केस

corona

Lucknow: देशभर में फैल रहे कोरोना (Corona) संक्रमण ने राजधानी लखनऊ में भी दस्तक दे दी है। मंगलवार को एक 60 वर्षीय बुजुर्ग की कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आई है, जो हाल ही में उत्तराखंड से लौटे हैं। इस नए मामले के साथ ही प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 10 नए केस सामने आए हैं, जिससे प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 30 हो गई है।

बताया जा रहा है कि 7 मई को बुजुर्ग उत्तराखंड (Uttarakhand) घूमने गए थे। वहां से 14 मई को वापस लखनऊ लौटे थे। यात्रा से लौटने के बाद उन्हें सर्दी-जुखाम बुखार के साथ सांस लेेने में दिक्कत होने लगी। तबीयत ज्यादा बिगडऩे पर संजय गांधी पीजीआई (PGI) में भर्ती करना पड़ा। जहां मंगलवार को उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यह बुजुर्ग व्यक्ति 2021 में भी कोरोना संक्रमित हुए थे।
लखनऊ में पहला केस आने बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट (Alert) हो गया है। जेएन 1 वैरिएंट ( JN1 variant) को लेकर सभी जिलों को सतर्क रहने, कोविड जांच बढ़ाने, और अस्पतालों में व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं।
वहीं देश भर में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच देश में कोविड के सक्रिय मामलों की संख्या 1,009 हो गई है। इनमें केरल में 430, महाराष्ट्र में 209 और दिल्ली में 104 मामले दर्ज किए गए हैं। देश में अब तक कोविड से कर्नाटक में एक, केरल में दो और महाराष्ट्र में चार लोगों की मौत हुई है।

676 कोविड कार्मिकों किया जायेगा समायोजित

कोविड महामारी (covid pandemic) के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों में अस्थाई, अल्पकालिक, संविदा एवं आउटसोर्स मानव संसाधन के पदों पर कार्यरत कर्मियों को समायोजित किया जाएगा। इससे पूर्व 1834 कर्मियों का समायोजन हो चुका है।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने बताया कि कोविड महामारी के दौरान प्रदेश भर से कार्मिकों को अस्थाई रूप से भर्ती किया गया था। कुछ समय पूर्व से इन कार्मिकों से कार्य नहीं लिया जा रहा है। इन कर्मचारियों की मांग के आधार पर विभिन्न जिलों में 1834 कर्मचारियों को समाहित कर लिया गया था। शेष 676 कर्मचारियों को समाहित करने के निर्देश मंगलवार को जारी कर दिए गए हैं।

डिप्टी के निर्देश पर चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव की ओर से प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों (अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति), सभी प्रधानाचार्य, राजकीय-स्वशासी मेडिकल कॉलेज, सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सचिव, जिला स्वास्थ्य समिति), सभी मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को इस संबंध में पत्र जारी किया गया है।

 

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