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AI in Chemistry: CDRI लखनऊ में प्रो. सुनोज ने बताया- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कैसे आसान होगी दवाओं की खोज

लखनऊ: मशीन लर्निंग और जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Machine Learning & Generative AI) के माध्यम से रासायनिक अभिक्रियाओं को बेहतर ढंग से समझा और उनके परिणामों की सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है। भविष्‍य में आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस के माध्‍यम से दवाओं की खोज आसान होगी। सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्‍टीट्यूट, लखनऊ (CDRI) में यह जानकारी डॉ. आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) के रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. राघवन बी. सुनोज (Prof. Raghvan B Sunoj) ने दी।

सीडीआरआई में “रासायनिक अभिक्रियाओं हेतु आणविक मशीन लर्निंग एवं जनरेटिव एआई” (Molecular Machine Learning & Generative AI) विषय पर आयोजत एक विशेष व्याख्यान में प्रो. राघवन बी. सुनोज ने कहा कि पारंपरिक रसायन विज्ञान और आधुनिक AI तकनीकों का संयोजन अनुसंधान को अधिक तेज़ और प्रभावी बना रहा है।

AI और केमिस्ट्री का अनोखा संगम

मुख्य वक्ता व रसायन विज्ञान विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे एवं जनरेटिव एआई के लिए गूगल क्लाउड चेयर प्रोफेसर प्रो. प्रो. राघवन बी. सुनोज ने बताया कि अब रसायन विज्ञान (Chemistry) सिर्फ लैब तक सीमित नहीं है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इसमें एक बड़ी भूमिका निभा रहा है।

Prof. Raghvan B Sunoj 2

प्रो. सुनोज ने वैज्ञानिकों और शोधार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि पारंपरिक रसायन विज्ञान और आधुनिक AI तकनीकों का संयोजन रिसर्च की दुनिया को बदल रहा है। उन्होंने कहा, “मशीन लर्निंग और जनरेटिव एआई के जरिए अब हम रासायनिक अभिक्रियाओं (Chemical Reactions) को पहले से कहीं बेहतर समझ सकते हैं और उनके परिणामों की सटीक भविष्यवाणी कर सकते हैं।”

दवा निर्माण में बचेंगे पैसे और समय

प्रोफेसर सुनोज ने अपने व्याख्यान में रिसर्च के भविष्य पर प्रकाश डालते हुए प्रो. सुनोज ने बताया कि किसी अणु (Molecule) की संरचना उसके रासायनिक गुणों और व्यवहार को निर्धारित करती है और AI तकनीकें उपलब्ध वैज्ञानिक डेटा के विश्लेषण से इन संबंधों को समझने में सहायक हैं। उन्होंने कहा कि इन तकनीकों का उपयोग दवा खोज (Drug Discovery), उत्प्रेरक विकास और सामग्री विज्ञान जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है, जिससे समय और लागत दोनों की बचत हो रही है।

CDRI

भविष्य की हेल्थकेयर में AI की भूमिका

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही CSIR-CDRI की निदेशक डॉ. राधा रंगराजन ने संस्थान की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर बात की। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रसायन और औषधि अनुसंधान के क्षेत्र में नई संभावनाएं खोल रहा है। भविष्य की स्वास्थ्य-देखभाल (Healthcare) आवश्यकताओं को पूरा करने में यह तकनीक निर्णायक भूमिका निभाएगी।

कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. अरविंद के. क्षत्री ने वक्ता का परिचय दिया। व्याख्यान के बाद एक विशेष संवाद सत्र (Q&A Session) भी रखा गया, जिसमें संस्थान के वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने प्रो. सुनोज से एआई और केमिस्ट्री के जुड़ाव पर कई सवाल पूछे। सत्र के समापन पर डॉ. प्रेम प्रकाश यादव ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और प्रो. सुनोज को सम्मानित किया गया।

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