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रूस में 8.8 तीव्रता का भूकंप, जापान और हवाई में सुनामी से तबाही का खतरा

रूस के कामचटका में भूकंप ने मचाई तबाही

Hawaii: 30 जुलाई 2025 को सुबह रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका में रिक्टर स्केल पर 8.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप दर्ज किया गया। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र समुद्र के नीचे 19.3 किलोमीटर की गहराई पर था, जिसके कारण सतह पर तेज झटके महसूस किए गए। इस भूकंप ने रूस, जापान, और अमेरिका के हवाई और अलास्का जैसे प्रशांत तटीय क्षेत्रों में हड़कंप मचा दिया। भूकंप के बाद इमारतों को नुकसान और कुछ क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के प्रभावित होने की खबरें सामने आई हैं।

सुनामी की लहरों ने बढ़ाया खतरा

भूकंप के तुरंत बाद जापान की मौसम एजेंसी ने इशिनोमाकी बंदरगाह पर 50 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी लहर दर्ज की, जो अब तक की सबसे ऊंची लहर मानी जा रही है। इसके अलावा, 16 अन्य स्थानों पर 40 सेंटीमीटर तक की लहरें देखी गईं, जो प्रशांत तट के साथ दक्षिण दिशा में बढ़ रही हैं। रूस के कुरील द्वीप और जापान के होक्काइडो के उत्तर-पूर्वी हिस्से में भी सुनामी लहरों की पुष्टि हुई है। विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि लहरें 3 मीटर तक ऊंची हो सकती हैं, जिससे बड़े पैमाने पर तबाही की आशंका है।

जापान में फुकुशिमा परमाणु संयंत्र पर खतरा

जापान में सुनामी अलर्ट के बाद फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को खाली कराया गया है। 2011 में आए भूकंप और सुनामी के कारण इस संयंत्र को भारी नुकसान हुआ था, जिससे रेडियोएक्टिव रिसाव की भयावह स्थिति उत्पन्न हुई थी। इस बार भी, एहतियात के तौर पर संयंत्र को खाली कराने के आदेश दिए गए हैं ताकि किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके।

हवाई और अलास्का में सुनामी का अलर्ट

रूस में भूकंप के बाद अमेरिका के हवाई और अलास्का में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। हवाई में स्थानीय लोग और पर्यटक समुद्र तटों से हटाए जा रहे हैं, और भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है। अनुमान है कि हवाई में 3 से 12 फीट ऊंची लहरें उठ सकती हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कैलिफोर्निया और हवाई के तटीय क्षेत्रों को सतर्क रहने की सलाह दी है। अलास्का में भी सुनामी निगरानी जारी है।

भारत में हाल के भूकंप

हालांकि आज भारत में किसी बड़े भूकंप की खबर नहीं है, लेकिन हाल के दिनों में दिल्ली-एनसीआर, बिहार, और उत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। उदाहरण के लिए, 18 जुलाई 2025 को दिल्ली-एनसीआर में 4.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र हरियाणा के झज्जर में था। इसके अलावा, बिहार, नेपाल, और तिब्बत में भी भूकंपीय गतिविधियां दर्ज की गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर सिस्मिक जोन 4 में आता है, जो भूकंप के लिए संवेदनशील है।

भूकंप और सुनामी: वैज्ञानिक कारण

भूकंप पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने, खिसकने, या टूटने के कारण आते हैं। जब समुद्र के नीचे भूकंप आता है, तो पानी की ऊपरी परतों में हलचल होती है, जिससे सुनामी लहरें उत्पन्न होती हैं। रूस का कामचटका क्षेत्र और प्रशांत महासागर का “रिंग ऑफ फायर” क्षेत्र भूकंपीय गतिविधियों के लिए कुख्यात है, जहां ऐसी घटनाएं आम हैं।

प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य

रूस, जापान, और हवाई में प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। जापान में 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। रूस में आपातकालीन मंत्रालय ने बचावकर्मियों और राहत सामग्री के साथ विमान भेजे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों से ऊंचे स्थानों पर जाने और तटों से दूर रहने की अपील की गई है।

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