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2,800 का स्मार्ट प्रीपेड मीटर 8,000 में बेचना चाहता था UPPCL

स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए अभी लिए जा रहे हैं 6000 रुपये

Lucknow: जिस स्मार्ट प्रीपेड मीटर को पावर कारपोरेशन (UPPCL) 2630 से 2800 रुपये के बीच खरीद रहा है उसके लिए उपभोक्ता से 8000 रुपये वसूलना चाहता था। इस वसूली में कारपोरेशन अधिकारी नियामक आयोग (UPERC) की भी मंजूरी चाहते थे। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कारपोरेशन अफसरों की मंशा पर पानी फेर दिया। वर्मा ने आयोग के समक्ष मीटर सप्लाई करने वाली कम्पनियां की इनवाइस दिखाते हुए बताया कि मीटर की असल कीमत 2800 रुपये के करीब ही है। कारपोरेशन मुनाफा कमाने की नियत से अधिक दाम तय करना चाहता है।

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गुरुवार को विद्युत नियामक आयोग (UPERC) में इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल बैठक हुई। बैठक में कारपोरेशन अध्यक्ष आशीष गोयल, एमडी (MD) यूपीपीसीएल पंकज कुमार के साथ एमडी मध्यांचल, रिया केजरीवाल, निदेशक वाणिज्य व निदेशक वितरण, टोरेंट पावर, नोएडा पावर कंपनी के प्रतिनिधि मौजूद थे। कारपोरेशन की ओर से स्मार्ट मीटर के दाम तय करने की मांग की गई। पंकज कुमार का तर्क था कि असम, महाराष्ट्र, तमिलनाडु व वेस्ट बंगाल में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कास्ट 5200 से लेकर 6325 रुपये के बीच है। ऐसे में यूपी में यह कीमत 6000 रुपये रखना गलत नहीं है।

इस पर उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने मीटर सप्लाई करने वाली कम्पनियां की इनवाइस सबके सामने रख दी। वर्मा ने कहा कि इनवाइस में प्रीपेड स्मार्ट मीटर की असल कीमत 2800 रुपये के करीब ही है। ऐसे में कीमत को छह हजार रुपये करना गलत है। इनवाइस देखने के बाद पावर कारपोरेशन के अधिकारी चुप्पी साध गए। इसके बाद वर्मा ने कहा कि अन्य प्रदेश में मीटर की कीमत के इन्फ्रा कास्ट वसूल की जा रही है जिसे उपभोक्ता से वसूल नहीं कर सकते। ऐसा करने से उपभोक्ताओं को इंफ्रा का मालिक बनाना पड़ेगा। उसके लिए उन्हें रिटर्न ऑफ इक्विटी अदा करना पड़ेगा जो नियमत: गलत है।

विद्युत सामग्री की कीमत बढ़ाने की कोशिश

पावर कारपोरेशन के अधिकारी केबिल, ट्रांसफार्मर समेत अन्य विद्युत सामग्री की कीमतों को भी कास्ट डाटा बुक में बढ़ा देना चाह रहे थे। बैठक में अधिकारियों द्वारा इसकी कोशिश की गई। मगर वह यह नहीं बता सके कि बाजार में सामग्री की सही कीमत क्या है। कारपोरेशन की ओर से दिए गए प्रस्ताव कुछ ऐसे थे। मीटर जिसके लिए 6000 रुपये वसूले जा रहे हैं उसकी कीमत कारपोरेशन आठ हजार करना चाहता था मगर इसमें सफलता नहीं मिली। आयोग में उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट मीटर कीमत 2800 रुपये किए जाने का प्रस्ताव रखा है।

सामग्री                                      खरीद दाम                             प्रस्तावित दाम                         अंतर

25 केवीए ट्रांसफार्मर                   73,101 रुपये                         86,157 रुपये                         13,056 रुपये
250 केवीए ट्रांसफार्मर                 5,56,990 रुपये                       6,51,984 रुपये                      94,994 रुपये
11 केवी एक्सएलपीई केबल          1,173 प्रति मीटर                    1,271 प्रति मीटर                     98 रुपये
8.5 मीटर पीसीसी पोल                2,600 रुपये                            3,012 रुपये                           412 रुपये
सिंगल फेज मीटर                        2500 रुपये                            6000 रुपये                            3500 रुपये
थ्री फेज मीटर                              3500 रुपये                           12000 रुपये                          8500 रुपये

बैठक में उठे अन्य सवाल

– 150 किलोवाट/300 मीटर की एकमुश्त कनेक्शन सुविधा को केवल इलेक्ट्रिफाइड एरिया तक सीमित करने से गरीब, किसान और अविकसित कॉलोनियों के लोग वंचित होंगे।
– 40 मीटर के बाद दो कनेक्शन की सुविधा समाप्त करने से गरीब उपभोक्ताओं की लागत बढ़ेगी।
– 5 किलोवाट तक घरेलू उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी व प्रोसेसिंग फीस बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं।
– पोस्टपेड व प्रीपेड दोनों विकल्पों को कॉस्ट डाटा बुक में स्पष्ट रूप से शामिल किया जाए।
– किसानों के ट्रांसफार्मर पर सब्सिडी दर्शाना, जबकि राज्य सरकार सब्सिडी समाप्त कर चुकी है, भ्रामक है।
– उपभोक्ता परिषद ने कहा कि 150 किलोवाट 300 मीटर की दूरी तक यदि व्यवस्था केवल विकसित क्षेत्र में लागू होगी तो इसका लाभ अमीर उठा लेंगे और गरीब व किसानों को नहीं मिल पाएगा

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