
राज्यपाल ने समारोह में प्रदान की गईं 415 उपाधियां व डिग्री
Lucknow: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि सरकारी अस्पताल व संस्थान बनाने के लिए किसान अपनी जमीन दे देते हैं। उसे तब निराशा होती है जब वह अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचता है और उसे इलाज नहीं मिलता। डाक्टर इस बात का ध्यान रखें कि गरीब व किसान को समुचित इलाज मिले। अगर दुर्घटना में घायल कोई गरीब अस्पताल आ जाए तो उसे बेड खाली न होने की बात कहकर वापस न करें। उसे प्राथमिक उपचार जरूर दें। वह संजय गांधी पीजीआई के 29वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रही थीं।
पीजीआई के श्रुति सभागार में आयोजित दीक्षांत समारोह में कुलानुशासक राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में जो संसाधन पहले से मौजूद हैं उनका इस्तेमाल पहलें करें उसके बाद ही नया खरीदें। कई जगहों पर पुराने उपकरण रखे रह जाते हैं और नये रखीद लिए जाते हैं। ऐसा न करें। भारत एक गरीब देश है। आम आदमी के पास इतना पैसा नहीं कि वह कारपोरेट अस्पताल में अपना इलाज करा सके। सरकारी चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों की जिम्मेदारी है कि निचले स्तर पर रहने वाले व्यक्ति तक को इलाज मिले। उन्होंने कहा कि आज भी प्रदेश में सौ प्रतिशत गर्भवती महिलाओं के प्रसव अस्पताल में नहीं हो रहे। इसमें सुधार लाने में डाक्टर भी अपना सहयोग दें। लोगों को जागरुक करें। उन्होंने कहा कि जो भी डाक्टर अपना निजी अस्पताल खोले वह हर साल पांच गरीब मरीजों को नि:शुल्क इलाज जरूर करें। राज्यपाल ने 415 उपाधियां व डिग्री प्रदान कीं। सभी डिग्रियां डिजिलॉकर में भी अपलोड की गईं।
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मरीजों से डाक्टर करें अपना टेस्ट
राज्यपाल ने कहा कि आज केवल सामान्य व्यक्ति ही बीमार नहीं है अस्पतालों में काम करने वाले डाक्टर व पैरा मेडिकल कर्मी भी बीमार है। उन्होंने सलाह दी कि डाक्टरों की सेहत की जांच भी कराई जानी चाहिए। राज्यपाल ने पीजीआई के निदेशक से कहा कि संस्थान में कार्य करने वाले चिकित्सकों व कर्मियों का ब्लड टेस्ट कराएं, हीमोग्लोबिन की जांच हो ताकि पता चल सके कि उनका स्वास्थ्य कैसा है। कहा कि अगर स्वास्थ्य कर्मी ही बीमार होगा तो वह लोगों का इलाज कैसे करेगा। डाक्टर की सेहत ठीक करें उसके बाद लोगों का इलाज करें। श्रीमती पटेल ने पीजीआई के युवा डाक्टरों से अपील की कि बीमारियां कैसे कम हो सकती हैं इस पर रिसर्च करें। बीमारियों के कारण लोगों की मानसिक स्थिति बिगड़ रही है। इन्हीं बीमारियों के कारण अपराध बढ़ रहे हैं। उनकी मानसिक स्थिति पर ध्यान दें ताकि वह अपने ऊपर आपा न खाएं।
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विदेश जाकर पढ़े सीखें फिर लौट आएं
राज्यपाल ने कहा कि पीएचसी सीएचसी पर डाक्टर नहीं हैं। लोगों को अपने इलाके में बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है। कहा कि कई बार डाक्टर नौकरी पाने के समय बांड भर देते हैं और बाद में पैसा भरकर बांड तोडक़र विदेश चले जाते हैं। ऐसा न करें। राज्यपाल ने कहा कि डाक्टर विदेश जाएं। वहां पढ़े, सीखें और फिर अपने देश लौट आएं। उन्होंने कहा कि कई देशों में हालात खराब हो रहे हैं। भारत के लोगों को वापस भेजा जा रहा है। इसलिए जरूरी है कि लोग खुद से ही अपने देश में रहें और यहां की जनता की सेवा करें। उन्होंने कहा कि हर डाक्टर डिग्री लेने के बाद कम से कम तीन साल ग्रामीण इलाके में काम करे ऐसा अनिवार्य किया जाए। इस अवसर पर हैदराबाद के एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएण्ट्रोलॉजी के अध्यक्ष पद्म विभूषण प्रो. डी. नागेश्वर रेड्डी ने विद्यार्थियों को अनुशासन, करुणा और मानवता को जीवन का आधार बनाने की सलाह दी। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और राज्यमंत्री चिकित्सा शिक्षा मयंकेश्वर शरण सिंह ने भी संस्थान की उपलब्धियों की सराहना की।