UPI से लेकर इनकम टैक्स तक एक अप्रैल से ये 6 बड़े बदलाव

मंगलवार, 1 अप्रैल 2025 से नया वित्त वर्ष शुरू हो रहा है, जो वित्त, बैंकिंग और पेंशन सहित कई महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आ रहा है। आयकर, पेंशन, मोबाइल फोन से भुगतान के लिए यूपीआई पेमेंट सहित अन्य बड़े बदलाव हर किसी को प्रभावित करेंगे। पेश है एक रिपोर्ट-
इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव
नए वित्त वर्ष से इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है। अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसके अलावा, नौकरीपेशा लोगों को 75,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा, जिससे 12.75 लाख रुपये तक की आय टैक्स-फ्री हो जाएगी।
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बैंकिंग नियमों में बदलाव
- न्यूनतम बैलेंस: बैंक खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने के नियम बदल रहे हैं। एसबीआई, पीएनबी और केनरा बैंक सहित कई बैंक नए नियम लागू कर रहे हैं। न्यूनतम शेष राशि का निर्धारण खाता धारक के क्षेत्र (शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण) के आधार पर होगा।
- एटीएम शुल्क: 1 मई 2025 से एटीएम से पैसे निकालना महंगा हो जाएगा। अन्य बैंकों के एटीएम से मुफ्त निकासी की सीमा तीन बार प्रति माह कर दी गई है। इसके बाद हर लेनदेन पर 20-25 रुपये का शुल्क लगेगा।
जीएसटी में नए नियम
- अब जीएसटी पोर्टल पर मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (एमएफए) लागू होगा, जिससे करदाताओं की सुरक्षा बढ़ेगी।
- ई-वे बिल केवल उन्हीं दस्तावेजों के लिए तैयार किया जा सकेगा, जो 180 दिनों से अधिक पुराने न हों।
- टीडीएस के लिए जीएसटीआर-7 फॉर्म अब क्रम से ही दाखिल किया जा सकेगा।
- प्रमोटरों और निदेशकों को बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के लिए जीएसटी सुविधा केंद्र पर जाना होगा।
नई पेंशन योजना
केंद्र सरकार की एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। इस योजना से करीब 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। 25 साल की सेवा पूरी करने वालों को उनके पिछले 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
यूपीआई भुगतान में सुरक्षा
- यूपीआई से जुड़े निष्क्रिय मोबाइल नंबरों को हटाने के लिए नए नियम लागू होंगे। यदि आपका मोबाइल नंबर लंबे समय से निष्क्रिय है, तो उसे अपडेट करना अनिवार्य होगा, वरना यूपीआई सेवाएं बंद हो सकती हैं।
- टेलीकॉम विभाग के नए नियमों के अनुसार, 90 दिनों तक इस्तेमाल न होने वाले मोबाइल नंबरों को नए उपयोगकर्ताओं को आवंटित किया जा सकता है। इससे वित्तीय जोखिम को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय अपनाए जाएंगे।
निवेश और क्रेडिट कार्ड में बदलाव
- सेबी 1 अप्रैल से विशेष निवेश कोष (एसआईएफ) लॉन्च कर रहा है, जो म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) का मिश्रण होगा। इसमें न्यूनतम 10 लाख रुपये का निवेश करना होगा।
- विभिन्न क्रेडिट कार्ड कंपनियों के रिवॉर्ड पॉइंट स्ट्रक्चर में भी बदलाव किया जा रहा है।
नए वित्त वर्ष की ये सभी नीतियां नागरिकों की वित्तीय योजनाओं को सीधे प्रभावित करेंगी।