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रायबरेली के 1325 विद्यालयों में मनाया गया ’हमारा विद्यालय – हमारा स्वाभिमान’ कार्यक्रम

’हमारा विद्यालय - हमारा स्वाभिमान’ कार्यक्रम में छह हजार शिक्षकों ने किया प्रतिभाग

रायबरेली। भारी बारिश की वजह से दो दिन स्थगित हुआ ’हमारा विद्यालय – हमारा स्वाभिमान’ कार्यक्रम बुधवार को जिलेभर के परिषदीय व प्राइवेट विद्यालयों में मनाया गया। जिले के कुल 2304 विद्यालयों में से 1325 विद्यालयों में कार्यक्रम को शिक्षकों ने अभिभावकों के साथ में बड़े ही धूमधाम के साथ में मनाया गया। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में जिला भर के विद्यालयों में बहुत ही उत्साह दिखा।

जिले में कार्यक्रम संयोजक जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने बताया कि विद्यालय हमारा स्वाभिमान, हमारा सम्मान, हमारा मान और जहां से सारे जग में हमारी पहचान है, बस इसी कुछ उद्देश्य के साथ में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ और शिक्षकों की तरफ से सरकारी से लेकर प्राईवेट विद्यालय तक में ’हमारा विद्यालय – हमारा स्वाभिमान’ कार्यक्रम मनाया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिलेभर में कुल 2304 विद्यालय हैं, इनमें से 1325 विद्यालयों में यह कार्यक्रम बहुत उत्साह के साथ शिक्षकों ने मनाया है।

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इस कार्यक्रम में करीब 6 हजार शिक्षकों ने भाग लिया है। इसके साथ ही करीब जिले के डेढ़ लाख बच्चों और 16 हजार अभिभावकों ने ’हमारा विद्यालय – हमारा स्वाभिमान’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम में अभिभावकों की अधिक से अधिक भागीदारी कराना ही हमारा उद्देश्य था और उस हिसाब से अभिभावकों ने बढ़चढ़कर भाग लिया है।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के महामंत्री संजय कनौजिया ने बताया कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के तत्वाधान में देशभर के पांच लाख विद्यालयों में ’हमारा विद्यालय – हमारा स्वाभिमान’ कार्यक्रम एक सितंबर को आयोजित किया गया है। जिले में दो दिन बाद यह कार्यक्रम आज बारिश की वजह से आयोजित हुआ है। उन्होंने बताया कि गोहन्ना, हिलगी, हरदासपुर सहित जिले के सैकड़ों विद्यालयों में बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।

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संगठन मंत्री मधुकर सिंह ने कहा कि हम शिक्षकों का ’हमारा विद्यालय – हमारा तीर्थ’ है, जहां हम केवल पढ़ाते नहीं, बल्कि ’चरित्र, संस्कार और राष्ट्र का भविष्य’ गढ़ते हैं। यह कार्यक्रम हमारे लिए वह सुनहरा दिन और अवसर है जब हम ’अपने विद्यालय की गरिमा, संस्कृति और प्रेरणा को समाज के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं’। शिक्षकों के ही नेतृत्व में ही विद्यालय बनता है ’गर्व और प्रेरणा का केंद्र’। शिक्षक की वह शक्ति है जो कि विद्यालय को ’तीर्थ’ बना सकती है।
अमावां में कार्यक्रम की संयोजिका व जिला मंत्री शशि देवी ने बताया कि विद्यालयों में कार्यक्रम का आयोजन करके बैनर बनाकर पांच प्रतिज्ञाओं को लिखा है। उनको ही आज बच्चों और अभिभावकों के सामने पढा गया।

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