योगी सरकार के आईजीआरएस पोर्टल से जन शिकायतों के निस्तारण में आई तेजी
आईजीआरएस की जून की रिपोर्ट में जनमानस की शिकायतों के निस्तारण में देवीपाटन मंडल ने मारी बाजी, वाराणसी दूसरे तो बस्ती मंडल है तीसरे स्थान पर

LUCKNOW: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी से जन शिकायतों के निस्तारण की प्रक्रिया में अभूतपूर्व तेजी आई है। इंटरएक्टिव गवर्नमेंट रेड्रेसल सिस्टम (IGRS) पोर्टल के माध्यम से अब शिकायतों का न केवल समयबद्ध समाधान हो रहा है, बल्कि पीड़ितों को वास्तविक न्याय भी मिल रहा है। इसी व्यवस्था का परिणाम है कि जून माह की आईजीआरएस रिपोर्ट में देवीपाटन मंडल पूरे प्रदेश में अव्वल रहा है, जबकि वाराणसी और बस्ती मंडल ने क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया है।
मॉनीटरिंग और फीडबैक से देवीपाटन ने मारी बाजी
देवीपाटन मंडलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि जनशिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जा रहा है। इसके लिए देवीपाटन मंडल के जिलों क्रमश: श्रावस्ती, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर में जनशिकायतों के पारदर्शी और त्वरित समाधान के लिए कई बिंदुओं पर लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिलों में जनशिकायतों की निस्तारण की रिपोर्ट की लगातार मॉनीटरिंग की जाती है।
मंडलायुक्त ने बताया कि वह खुद मंडल के सभी जिलों के जनशिकायतों के निस्तारण के पहलुओं की मॉनीटरिंग करते हैं। इसके साथ ही रेंडम पांच शिकायतकर्ता से मंडलायुक्त कार्यालय से फीडबैक लिया जाता है ताकि यह पता चल सके कि पीड़ित की शिकायत पर वास्तविकता में एक्शन लिया गया है या फिर रिपोर्ट ही लगायी गयी है। इसके साथ ही हर माह जनशिकायतों के मामलों की विभागीय आख्या की जांच की जाती है। यही वजह है कि देवीपाटन मंडल ने जन शिकायतों के निस्तारण में प्रदेश भर में पहला स्थान प्राप्त किया है।
अधिकारियों के फील्ड विजिट्स से जन शिकायतों के निस्तारण में आया सुधार
योगी सरकार द्वारा लांच आईजीआरएस (IGRS) पोर्टल नागरिकों की शिकायतों के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कई सुधारों के बाद यह अत्यधिक प्रभावी साबित हुआ है। आईजीआरएस की जून की रिपोर्ट के अनुसार वाराणसी मंडल ने जन शिकायतों के निस्तारण में प्रदेशभर में दूसरा और बस्ती मंडल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
इन मंडलों ने शिकायतों के निस्तारण में समय की बचत और पीड़ितों से फीडबैक लेकर सुधार की प्रक्रिया को तेज की है। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि कोई भी शिकायत अनसुलझी न रहे और समाधान की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और समयबद्ध हो। साथ ही अधिकारियों के फील्ड विज़िट्स ने इस प्रक्रिया को और भी प्रभावी बना दिया।