Health

UP: सभी एसएनसीयू को सक्रिय रखने के निर्देश

Lucknow: अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित घोष ने कहा है कि नवजात शिशुओं के जीवन से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी किसी भी हाल में बख्शे नहीं जायेंगे। उन्होंने सभी विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाइयों (SNCU) और नवजात स्थिरीकरण इकाइयों (NBSU) को पूरी तरह से सक्रिय रखने के निर्देश दिए।

बुधवार को अयोध्या, देवीपाटन और प्रयागराज मंडल की स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते हुए अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ एवं जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से राज्य समीक्षा मिशन (एसआरएम) का गठन किया गया है। यह मिशन केंद्रीय समीक्षा मिशन (CRM) की तर्ज पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि एसआरएम की टीमें स्वास्थ्य इकाइयों में जाकर सहभागी अनुश्रवण कर रही हैं। इसके तहत स्टाफ की उपस्थिति, स्वास्थ्य योजनाओं का क्रियान्वयन, रिकॉर्ड संधारण, वेस्ट मैनेजमेंट, फायर सेफ्टी सिस्टम, आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवा प्रदायगी मानकों का गहन मूल्यांकन किया जा रहा है।

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3000 से अधिक स्वास्थ्य इकाइयों का हुआ निरीक्षण

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि 13 से 15 दिसंबर के बीच अयोध्या, देवीपाटन और प्रयागराज मंडल के सभी जनपदों में तीन हजार से अधिक चिकित्सा इकाइयों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। समीक्षा के दौरान एक गंभीर तथ्य सामने आया कि कई स्थानों पर एसएनसीयू और एनबीएसयू तो स्थापित हैं, लेकिन वहां आवश्यक उपकरण उपलब्ध नहीं हैं, जबकि इनके लिए शासन द्वारा पहले ही धनराशि जारी की जा चुकी है।

इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए श्री घोष ने निर्देश दिए कि ऐसे एसएनसीयू और एनबीएसयू के प्रभारी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से पद से हटाया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक एसएनसीयू और एनबीएसयू का उपजिलाधिकारी और एक चिकित्सक द्वारा संयुक्त रूप से स्थलीय निरीक्षण किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ यूनिफार्म में उपस्थित रहें।

सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (CHO) को नियमित रूप से प्रशिक्षण दिए जाने के भी निर्देश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) प्रभारियों को दिए गए। समीक्षा के दौरान बहराइच जनपद के सरकारी अस्पतालों में व्याप्त खामियों पर अपर मुख्य सचिव ने कड़ी नाराजगी जताई। मरीजों द्वारा लगातार शिकायतें मिलने पर उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में तत्काल सुधार के निर्देश दिए।

आरोग्य मेले में लापरवाही पर चेतावनी

अमित घोष ने कहा कि आरोग्य मेले को लेकर बरती जा रही लापरवाही किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरोग्य मेले की पूरी जिम्मेदारी संबंधित जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) की होगी। इस अवसर पर उन्होंने आरोग्य मेले में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए श्रावस्ती जनपद को प्रशस्ति पत्र दिए जाने की घोषणा भी की।

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