KGMU के कर्मचारियों ने पदोन्नति में हो रहे भेदभाव और अनियमित DPC पर जताई नाराज़गी

LUCKNOW: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) लखनऊ के कर्मचारियों ने पदोन्नति (DPC) में हो रही अनियमितताओं, भेदभावपूर्ण नीति और वित्तीय लाभ से वंचित किए जाने के मुद्दे पर कुलपति को ज्ञापन सौंपा है। कर्मचारी परिषद ने आरोप लगाया है कि जिस तरह से फैकल्टी सदस्यों की नियमित DPC होती है और उन्हें पदोन्नति के साथ बैक डेट से वित्तीय लाभ दिया जाता है, वही सुविधा आम कर्मचारियों को नहीं दी जा रही है।
प्रमुख मुद्दे जिन पर जताई आपत्ति:
दोहरा मापदंड:
फैकल्टी सदस्यों को जुलाई माह में DPC कर बैक डेट से पदोन्नति व लाभ दिया जाता है, जबकि आम कर्मचारियों को बिना DPC के प्रमोशन दे दिया जाता है, जिससे उन्हें बैक डेट से लाभ नहीं मिलता। इसे पक्षपातपूर्ण और अन्यायपूर्ण व्यवहार बताया गया है।
प्रशासन की उदासीनता:
कर्मचारियों द्वारा बार-बार उठाने के बावजूद प्रशासन इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। चार बार प्रशासनिक बैठकों में इस विषय को उठाने के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
वित्तीय नुकसान और मानसिक उत्पीड़न:
समय से DPC न होने से कर्मचारियों को न सिर्फ पदोन्नति का नुकसान उठाना पड़ रहा है, बल्कि उन्हें मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ रहा है।
परिषद की मांगें:
DPC की निश्चित तिथि का निर्धारण:
जैसे फैकल्टी सदस्यों के लिए DPC की तारीख तय होती है, उसी प्रकार सामान्य कर्मचारियों के लिए भी वार्षिक DPC की तारीख निश्चित की जाए।
समयबद्ध पदोन्नति प्रक्रिया:
DPC समय पर न होने पर संबंधित अधिकारियों पर जवाबदेही तय की जाए और उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही हो।
बैक डेट से वित्तीय लाभ:
जिन कर्मचारियों की पदोन्नति बैक डेट से बनती है, उन्हें उसी प्रकार का वित्तीय लाभ दिया जाए जैसा फैकल्टी सदस्यों को दिया जाता है।