लखनऊ में प्रदूषण बम का ‘बड़ा विस्फोट’, हवा जहरीली, CSIR-IITR रिपोर्ट में खुलासा

LUCKNOW: दिवाली की रौनक में लखनऊ की हवा जहरीली हो गई। CSIR-भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (CSIR-IITR) की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि दिवाली की रात में PM10 का स्तर 645 µg/m³ तक पहुंच गया, जो नेशनल एंबिएंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड्स (NAAQS) से 6 गुना ज्यादा है। PM2.5 भी 462 µg/m³ पर पहुंचा। यह प्री-दिवाली स्तर से 183% की भयानक बढ़ोतरी है। क्या ग्रीन पटाखों और पाबंदियों का असर बेकार हो गया? पढ़ें विस्तार से –
संस्थान ने दिवाली से पहले (19 अक्टूबर), दिवाली के दिन (20 अक्टूबर) और दिवाली के बाद वाले दिन (21 अक्टूबर) के दौरान लखनऊ के चार प्रमुख स्थलों पर प्रदूषण के स्तर की निगरानी की थी। दिवाली 2025 के दौरान लखनऊ शहर की वायु और ध्वनि गुणवत्ता में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
दिवाली की रात वायु प्रदूषण चरम पर
रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली की रात शहर के सभी निगरानी स्थलों (अलीगंज, विकास नगर, अमीनाबाद और चौक) पर वायु प्रदूषण का स्तर राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों (NAAQS) से काफी अधिक पाया गया।
पार्टिकुलेट मैटर (PM): दिवाली की रात को सूक्ष्म कणों (PM) की सांद्रता चरम पर पहुंच गई।
PM10: दिवाली की रात PM10 का स्तर अलीगंज में सबसे अधिक 645 µg/m³ तक पहुंच गया। यह प्रदूषण प्री-दिवाली के स्तरों की तुलना में औसतन 183% की वृद्धि दर्शाता है।
PM2.5: इसका अधिकतम स्तर अलीगंज में 462 µg/m³ दर्ज किया गया, जिसका औसत मान 352.5 µg/m³ रहा। यह प्री-दिवाली रातों की तुलना में 177% की वृद्धि है।
(NAAQS मानक PM10 के लिए 100 µg/m³ और PM2.5 के लिए 60 µg/m³ है)।
गैसीय प्रदूषक: सल्फर डाइऑक्साइड (SO_2) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO_2) जैसे गैसीय प्रदूषक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की निर्धारित सीमा (80 µg/m³) के भीतर रहे, लेकिन दिवाली की रात इनमें भी वृद्धि दर्ज की गई। इस रात SO_2 में 74.9% और NO_2 में 39% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
ध्वनि प्रदूषण: अध्ययन किए गए सभी स्थलों पर ध्वनि का स्तर निर्धारित मानकों से अधिक था। सबसे अधिक ध्वनि स्तर विकास नगर (आवासीय क्षेत्र) में 89.3 dB(A) मापा गया।
2024 की तुलना में भी बढ़ा प्रदूषण
दस साल के ट्रेंड विश्लेषण के अनुसार, दिवाली की रातों में PM10 और PM2.5 में वृद्धि की घटना बार-बार सामने आती है। हालांकि 2018 से एक क्रमिक गिरावट देखी गई थी, लेकिन 2025 की दिवाली की रात को PM10 और PM2.5 की सांद्रता पिछले वर्ष 2024 की तुलना में काफी अधिक थी।
2024 की दिवाली रात के मुकाबले PM10 की सांद्रता में 24.6% की वृद्धि हुई।
PM2.5 की सांद्रता में 8.8% की वृद्धि दर्ज की गई।
स्वास्थ्य जोखिम: सांस, दिल और कानों पर हमला
- श्वसन रोग: अस्थमा, ब्रोंकाइटिस बढ़े; अस्पतालों में मरीजों की संख्या दोगुनी।
- हृदय रोग: भारी धातुएं (लेड, कैडमियम) सांस से फेफड़ों में।
- शोर से: सुनने की क्षमता कम, सिरदर्द, नींद न आना, ब्लड प्रेशर हाई।
- खास खतरा: बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग। ऑक्सीजन लेवल गिरने से इमरजेंसी केस बढ़े।
- पर्यावरण: मिट्टी-जल प्रदूषण, आगजनी हादसे।
डॉ. अभय राज, प्रोजेक्ट इन-चार्ज, CSIR-IITR। के अनुसार “पटाखों से निकलने वाली धूल सर्द हवा में फैल नहीं पाती, सांस की नली में जमा हो जाती है।”




