अस्थमा व एलर्जी से बचने के लिए जीवनशैली को सुधारें : ब्रजेश पाठक

डिप्टी सीएम ने केजीएमयू में 59वें आईसीएएआईकॉन का किया शुभारम्भ
Lucknow: अस्थमा, एलर्जी व फेफड़ों की बीमारियों को रोकने के लिए जरूरी है कि जीवनशैली में सुधार किया जाये। इसके लिए जरूरी है कि अधिक से अधिक खाली स्थानों पर पौधे रोपे जाएं। धूल-गर्दा से बचें। सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करें। ताकि गाडिय़ों से निकलने वाले धुएं के प्रभाव को कम किया जा सके।
लोगों को यह सलाह उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दी। वह गुरुवार को किंग जार्ज चिकित्सा यूनिवर्सिटी (KGMU) के शताब्दी हॉस्पिटल फेज-2 के आठवें तल पर स्थित प्रेक्षागृह में 59वें आईसीएएआईकॉन को संबोधित कर रहे थे। केजीएमयू के रेस्पीरेटरी मेडिसिन एंड क्रिटिकल केयर विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि वायु प्रदूषण से बीमारियों का खतरा बढ़ता है। अस्थमा भी एक प्रकार की फेफड़े की एलर्जी है, जो कि गैर संचारी रोगों में सबसे ज्यादा होने वाली बीमारी में से एक है। पूरे विश्व में लगभग 30 करोड़ लोग इससे ग्रसित हैं। अस्थमा से प्रतिवर्ष पूरे विश्व में लगभग 4.5 लाख मरीजों की मृत्यु होती है। इनमें से ज्यादातर मृत्यु को रोका जा सकता है।
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डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि इस तरह के आयोजन से लोगों में जागरुकता बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने बताया की प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार ही जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ को नई तकनीक व दवाओं से रू-ब-रू किया जा रहा है।
रेस्पीरेटरी मेडिसिन एंड क्रिटिकल केयर विभाग के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि अस्थमा से लगभग पांच प्रतिशत लोग पीडि़त हैं। अस्थमा पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा होता है। अस्थमा बच्चों में होने वाली सभी क्रॉनिक बीमारियों में सबसे प्रमुख कारण है। अस्थमा से पूरे विश्व में लगभग 14 प्रतिशत बच्चे ग्रसित होते हैं। कार्यक्रम में केजीएमयू की कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद, प्रो दिगंबर बेहरा, प्रो राजकुमार, प्रो सुरेश कूलवाल, प्रो ए.बी. सिंह, प्रो राजेंद्र प्रसाद, प्रो सूर्यकांत, प्रो वेद प्रकाश, प्रो अचल गुलाटी, प्रो वी.के. जैन व अन्य लोग मौजूद रहे।




