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गोंडा: भीषण गर्मी में गोवंश की देखभाल के लिए जिलाधिकारी नेहा शर्मा की बड़ी पहल

खण्ड विकास अधिकारी को सौंपी गई विशेष जिम्मेदारी, प्रत्येक पंचायत सचिव दिन में दो बार देंगे गो-आश्रय स्थलों की रिपोर्ट

GONDA: गर्मियों की भीषण परिस्थितियों के बीच गोवंश की सुरक्षा और देखभाल को लेकर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने एक बार फिर संवेदनशीलता और प्रशासनिक दृढ़ता का परिचय दिया है। जिलाधिकारी ने जनपद में संचालित सभी गो-आश्रय स्थलों पर व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।

डीएम ने इसकी जिम्‍मेदारी विशेष रूप से खण्ड विकास अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है। खण्ड विकास अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक पंचायत सचिव अपने क्षेत्र के गो-आश्रय स्थलों का प्रतिदिन दो बार—सुबह और शाम—निरीक्षण करें और व्यवस्थाओं की रिपोर्ट फोटोग्राफ्स के साथ वाट्सएप समूह में साझा करें।

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गोवंश को बचाना हमारा दायित्‍व

नेहा शर्मा ने कहा है कि गोवंश की देखभाल केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक मानवीय और प्रशासनिक दायित्व है। संज्ञान में यह बात आई है कि कुछ गो-आश्रय स्थलों पर हरे चारे, पेयजल, चिकित्सा और स्वच्छता जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की अनदेखी हो रही है, जिससे वहां संरक्षित गोवंश को समस्याएं हो रही हैं। जिलाधिकारी ने इस स्थिति को ‘अत्यंत खेदजनक एवं अस्वीकार्य’ करार देते हुए इसे सुधारने के लिए तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए।

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जिलाधिकारी ने अपने निर्देशों में खण्ड विकास अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा है कि वे न केवल सचिवों के माध्यम से निगरानी सुनिश्चित करें, बल्कि स्वयं भी रैंडम निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की स्थिति का आकलन करें और जहां कमियां पाई जाएं, उनका तत्काल निराकरण कराएं।

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पशु चिकित्‍सा अधिकारी को भी निर्देश

इसके अतिरिक्त, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को भी निर्देशित किया गया है कि वे वाट्सएप समूह में साझा किए गए फोटोग्राफ्स और रिपोर्ट्स का सूक्ष्म विश्लेषण करें और जिन समस्याओं का समाधान उनके स्तर से संभव हो, उन्हें तत्काल प्रभाव से अटेंड करें। साथ ही, वे प्रत्येक शनिवार को विकासखण्डवार रिपोर्ट जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करें, जिससे जिलास्तर पर व्यवस्थाओं की समीक्षा हो सके।

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