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समाज में वंचित वर्ग के हर बच्चे को आगे बढ़ाने की जरूरत: ऋचा सिंह

डॉ. अंबेडकर की जयंती के पखवाड़े पर याद किए गए बाबा साहेब, उन्होने सबको शिक्षित करने पर दिया जोर, महिलाओं को आगे बढ़ाया

Raebareli: संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर (Bimrao Ambedkar) की 134वीं जयंती के पखवाड़ा के तहत बीआरसी अमावां में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि खण्ड शिक्षा अधिकारी ऋचा सिंह रही। विशिष्ट अतिथि आरएसएम ब्लॉक अध्यक्ष ब्रजेंद्र, जूनियर शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष सुरेश सिंह रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता आरएसएम जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रहे।

बीईओ ऋचा सिंह ने कहा कि समाज में वंचित वर्ग को आगे बढ़ाने की बहुत ही जरूरत है। आज भी हर वर्ग के लोग वंचित है। हम सब संकल्प लेने के एक अच्छे समाज का निर्माण करें। विशेष समाज में कमजोर वर्ग के लोगों शोषण होने से बचाएं। हम सभी अपने विद्यालयों में बच्चों को आगे बढ़ाएं और खूब बढ़ाएं। हमारे विद्यालयों में वंचित वर्ग के ही बच्चे आते हैं। आरएसएम अध्यक्ष बीरेंद्र सिंह ने कहा कि हमें डॉक्टर अंबेडकर जी के विचारों को सदैव ही आगे बढ़ाने की जरूरत है। अगर हम उनके बारे में जान लेंगे तो शायद सोचेंगे कि कैसे करके उन्होंने समाज को आगे बढ़ाने का काम किया।

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सुरेश सिंह और ब्रजेंद्र ने कहा कि विद्यालय में आने वाले बच्चों को आगे बढ़ाने का हम लोग निर्णय ले लें तो शायद ही वंचित वर्ग के बच्चे पीछे रह जाएंगे। कार्यक्रम के संयोजक अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि कागज और कलम की ताकत सबसे बड़ी होती है। यह ताकत जिसके पास है उसको कोई पा नहीं सकता है। बाबा साहब हर समाज के लोगों के लिए हित का काम किए है। उनके द्वारा किए गए कार्य का गुणगान आज भी चलता है और चलता रहेगा।

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कार्यक्रम का संचालन कर रहे नीरज रावत ने कहा कि भारत के संविधान के रचयिता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का दबे पिछडे समाज के लोगों के उत्थान के लिए बहुत ही बड़ा योगदान रहा है। कार्यक्रम के दौरान बीईओ को सम्मानित करते हुए बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा, राजकीय चिन्ह और संविधान की पुस्तक भेंट की गई।

इस मौके पर अनीता प्रियदर्शी, ऊषा, अब्दुल मन्नान, जेपी रावत, डॉ. मनोज, संगीता मौर्य, महताब खान, अश्वनी कनौजिया, राजेश सिंह, रितेश सिंह, जगदीश यादव, अमर सिंह, धर्मेंद्रराम, कृष्णाशंकर, आयशा, नीलम, करुणा, श्रीकांत दिवाकर, सविता, उपासना, उमेश, राम गोपाल, विजय सिंह, सत्येंद्र, रामेंद्र, गनेश, रामभरत, हरिविन्दर, अवनीश आदि शिक्षक मौजूद रहे

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