CPR awareness week 2025 ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज द्वारा लखनऊ में CPR जागरूकता अभियान आयोजित
लाखों जिंदगियां बचा सकता है CPR, हर व्यक्ति को सीखना जरूरी : डॉ. दाउद

LUCKNOW: भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 13 से 17 अक्टूबर तक सीपीआर अवेयरनेस वीक (CPR awareness week 2025) मनाया जा रहा है। इस अवसर पर ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज, द्वारा लखनऊ शहर में विभिन्न स्थानों पर सीपीआर (Cardio Pulmonary Resuscitation) के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने हेतु कई प्रशिक्षण एवं जागरूकता यूपी कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस अभियान के तहत एम.सी. सक्सेना कॉलेज, कानपुर रोड स्थित मन्नत लॉन, तथा श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (SRMU) सहित अनेक स्थानों पर लोगों को हृदयगति रुकने (Cardiac Arrest) की स्थिति में तत्काल जीवनरक्षक उपाय सीपीआर (CPR) के बारे में जानकारी दी गई तथा हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग भी कराई गई।

Dr Daud Husamiउत्तर प्रदेश में 108 और 102 एम्बुलेंस सेवाओं का संचालन करने वाली प्रमुख ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के राज्य मुख्यालय लखनऊ में कर्मचारियों को कार्डियक अरेस्ट की पहचान एवं सीपीआर तकनीक पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। कर्मचारियों को मैनिकिन्स पर ट्रेनिंग भी कराई गई।

ऑफिस एवं कॉलेजों में आयोजित सत्रों में विद्यार्थियों, फैकल्टी सदस्यों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस पहल का उद्देश्य आमजन को हृदयगति रुकने की स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान करने की क्षमता विकसित करना तथा सीपीआर जैसी जीवनरक्षक तकनीकों को जन-जन तक पहुँचाना है।
आओ CPR सीखें
ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज यूपी के ईएमएलसी हेड डॉ. दाउद हुसामी ने बताया कि हृदय संबंधी बीमारियाँ (CVDs) मृत्यु का एक प्रमुख कारण हैं। आंकड़े चौंकाने वाले हैं। भारत में सालाना 7 लाख से अधिक लोग कार्डियक अरेस्ट से अपनी जान गंवाते हैं। मतलब प्रति 1 लाख लोगों में 272 लोगों की जान हर वर्ष कार्डियक अरेस्ट के कारण चली जाती है।
लगभग 80% कार्डियक अरेस्ट के मामले अस्पतालों के बाहर (घर पर, कार्यस्थल पर या सार्वजनिक स्थानों पर) होते हैं, और तत्काल सहायता न मिलने के कारण भारत में जीवित रहने की दर 10% से कम है। चूंकि एंबुलेंस तथा हॉस्पिटल पहुंचने में कुछ समय लगता है, इस समय में पीडि़त व्यक्ति के मस्तिष्क को स्थायी क्षति पहुंचने की आशंका रहती है। इसलिए हर व्यक्ति के लिए CPR प्रशिक्षण सीखना महत्वपूर्ण है, भले ही उनका पेशा कुछ भी हो। CPR सीखने से आप अपने परिवार के सदस्य, सहकर्मी या किसी अजनबी का जीवन बचा सकते हैं, क्योंकि हर मिनट कार्डियक अरेस्ट से पीडि़त व्यक्ति के लिए बिना CPR के बचने की संभावना 10% तक कम होती जाती है।
कार्डियक अरेस्ट (हृदय गति रुकना) क्या है?
कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब हृदय की विद्युत प्रणाली में खराबी आ जाती है, जिससे हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है। यह एक ‘इलेक्ट्रिकल’ समस्या है। हृदय, रक्त को पंप करना बंद कर देता है, जिससे मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों में रक्त प्रवाह तुरंत रुक जाता है। यदि कुछ ही मिनटों में उपचार न मिले, तो यह स्थिति घातक हो सकती है और मृत्यु हो सकती है।
कार्डियक अरेस्ट VS हार्ट अटैक (दिल का दौरा)
हार्ट अटैक (Heart Attack): यह एक ‘प्लंबिंग’ समस्या है। यह तब होता है जब हृदय (Heart) की मांसपेशियों में रक्त पहुंचाने वाली धमनी (Coronary Artery) अवरुद्ध (block) हो जाती है। इस दौरान ह्दय पम्पिंग करता रहता है।
कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest): यह एक ‘इलेक्ट्रिकल’ या पम्पिंग समस्या है। इसमें हृदय अचानक काम करना या पम्प करना बंद कर देता है।
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
- अचानक गिर जाना: व्यक्ति अचानक बेहोश हो जाता है।
- प्रतिक्रिया का अभाव: छूने या जोर से बुलाने पर कोई जवाब नहीं देता।
- असामान्य श्वास: व्यक्ति बिल्कुल भी साँस नहीं ले रहा होता है, या केवल हाँफ रहा होता है (Gasping)।
पल्स (नाड़ी) का न होना: उसकी नाड़ी महसूस नहीं होती (Carotid Pulse)।

हैंड्स-ओनली सीपीआर (Hands-Only CPR)
हैंड्स-ओनली CPR सबसे सरल और सबसे प्रभावी तरीका है जिससे आम जनता किसी की जान बचा सकती है। इसमें केवल दो मुख्य चरण शामिल हैं:
तुरंत 108 या आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को कॉल करें। उसके बाद लगातार छाती दबाएँ। व्यक्ति को समतल सतह पर लेटाकर, उसकी छाती के बीच में अपने हाथों को एक-दूसरे के ऊपर रखें और लगातार दबाएं जबतक कि चिकित्सीय मदद ना मिल जाए या मरीज होश में ना आ जाए (Sign of Life)।
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दबाव की तकनीक:
तेजी से: प्रति मिनट 100 से 120 बार (लगभग लोकप्रिय गाने “स्टेइन’ अलाइव” की धुन पर)। जोर से छाती को कम से कम 2 इंच (लगभग 5 सेंटीमीटर) गहरा दबाएँ। Mobile में Metronome Beats डाउनलोड करके चला सकते हैं।
गौरतलब है कि ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज को उत्तर प्रदेश में 108 एवं 102 एम्बुलेंस सेवाओं के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। संस्थान 2012 से उत्तर प्रदेश में इमरजेंसी एम्बुलेंस सेवाओं का संचालन कर रही है।




