टाइम बैंक ऑफ इंडिया लखनऊ चैप्टर की बैठक सम्पन्न, घर घर जाकर सदस्यों से भेंट करेंगे प्रतिनिधि

Lucknow: टाइम बैंक ऑफ इंडिया (Time Bank of India) , लखनऊ चैप्टर की एक महत्वपूर्ण बैठक गुरुवार सुबह आशियाना गुरुद्वारा परिसर में आयोजित की गई। इस सभा की अध्यक्षता बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व उप महाप्रबंधक सुभाष चंद्र ने की, जबकि विशेष अतिथि के रूप में प्रशिक्षु शानू सिंह के पिताजी उपस्थित रहे।
सभा का शुभारंभ संयोजक जीपी अग्रवाल द्वारा सभी सदस्यों के स्वागत एवं प्रशिक्षु शानू सिंह के परिचय के साथ हुआ। श्री जीपी अग्रवाल ने शानू के प्रशिक्षण के उद्देश्यों और उसके आगामी कार्यों की रूपरेखा सदस्यों के समक्ष रखी। उन्होंने बताया कि शानू आने वाले आठ सप्ताह तक सभी सदस्यों से फोन, वीडियो कॉल अथवा व्यक्तिगत रूप से संवाद स्थापित करेंगी तथा उनके पारिवारिक, सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी जानकारी लेकर सुझाव भी संकलित करेंगी। इन सूचनाओं को वे अपनी रिपोर्ट का हिस्सा बनाकर टाइम बैंक की गतिविधियों को और अधिक व्यावहारिक और सुलभ बनाने में सहयोग करेंगी।
प्रशिक्षु शानू सिंह ने न केवल सभी प्रतिभागियों का परिचय जाना बल्कि बैठक के संचालन में भी सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने बैठक के दौरान चित्रांकन कार्य भी किया, जिसकी सभी ने सराहना की।
बैठक में शामिल 18 सदस्यों ने विभिन्न पिनकोड क्षेत्रों से भाग लिया और अपना विस्तृत परिचय दिया। सभी सदस्यों को यह भी आश्वस्त किया गया कि शानू सिंह को टाइम बैंक ऑफ इंडिया का पहचान पत्र और अपना कॉलेज का परिचय पत्र दोनों लेकर ही पूर्व सूचना और समय तय कर ही सदस्यों से भेंट करेंगी।
प्रशिक्षु को विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से भेंट कराने की योजना भी बैठक में साझा की गई। इन विशेषज्ञों में डॉक्टर्स, योगाचार्य, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, विधि और वित्त विशेषज्ञ तथा समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनसे उपयोगी विचार-विमर्श किया जाएगा।
क्या है टाइम बैंक ऑफ इंडिया
“टाइम बैंक ऑफ इंडिया” (Time Bank of India) एक गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी संगठन (NGO) है। यह एक सामाजिक अवधारणा पर आधारित है जहाँ लोग पैसे के बजाय अपना समय एक-दूसरे की मदद करने के लिए “जमा” और “निकाल” सकते हैं।
यह कैसे काम करता है:
- समय का आदान-प्रदान: टाइम बैंक में, सदस्य अपनी सेवाएं और कौशल दूसरों को प्रदान करते हैं। इसके बदले में, उन्हें “टाइम क्रेडिट” मिलता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति किसी बुजुर्ग की 2 घंटे मदद करता है, तो उसके खाते में 2 घंटे का टाइम क्रेडिट जमा हो जाता है।
- समान मूल्य: टाइम बैंक का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत यह है कि सभी के समय का मूल्य समान होता है, चाहे वे कोई भी सेवा क्यों न दें। एक ट्यूटर द्वारा दिए गए एक घंटे का मूल्य उतना ही होता है जितना कि बागवानी या किसी चीज की मरम्मत में बिताए गए एक घंटे का।
- समुदाय निर्माण: इस अवधारणा का मुख्य उद्देश्य समुदाय के भीतर संबंध, विश्वास और एक-दूसरे पर निर्भरता को बढ़ावा देना है। यह लोगों को एक-दूसरे की मदद करने और एक आत्मनिर्भर समुदाय बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- गैर-वित्तीय सेवाएं: टाइम बैंक वित्तीय लेनदेन में शामिल नहीं होता है। इसका ध्यान गैर-वित्तीय सेवाओं, जैसे बुजुर्गों की देखभाल, बच्चों की देखभाल, बागवानी, घरेलू काम, सलाह देना, कौशल साझा करना आदि पर होता है।
टाइम बैंक ऑफ इंडिया का विशेष ध्यान:
टाइम बैंक ऑफ इंडिया विशेष रूप से अकेले बुजुर्गों की मदद करने पर ध्यान केंद्रित करता है। यह उन वरिष्ठ नागरिकों को सामाजिक जीवन प्रदान करने का प्रयास करता है जो अकेले रहते हैं या जिनके बच्चे उनसे दूर हैं। स्वयंसेवक इन बुजुर्गों की रोजमर्रा के कामों में मदद करते हैं और उनके साथ समय बिताते हैं, जिसके बदले में उनके टाइम अकाउंट में समय जमा होता है। बाद में, जब इन स्वयंसेवकों को खुद मदद की ज़रूरत होती है, तो वे अपने जमा किए गए समय का उपयोग करके दूसरों से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
संक्षेप में, टाइम बैंक ऑफ इंडिया एक ऐसा मंच है जहाँ लोग अपनी सेवाएं और समय देकर समुदाय में योगदान करते हैं और भविष्य में अपनी ज़रूरत के समय दूसरों से मदद प्राप्त कर सकते हैं।