इलाज में मदद करेगा एआई
Lucknow: संजय गांधी पीजीआई (SGPGI) इलाज की दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए क्वाटरनरी हेल्थ केयर सेंटर ( Quaternary Health Care Center) शुरू करेगा। यह सेंटर सीएचसी (CHC) और टरचरी (Tertiary) केयर के स्तर से ऊपर होंगे। जिसे गंभीर और जटिल रोगियों के लिए अंतिम रेफरल केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा।
यह जानकारी संस्थान के 42वें स्थापना दिवस (Foundation Day) पर पीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमन (Dr. RK Dhiman) ने दी। उन्होंने बताया कि यह स्वास्थ्य सेवा केंद्र, चिकित्सा उपचार की उच्चतम और सबसे विशिष्ट पहल है, जो गंभीर और जटिल रोगियों के लिए अंतिम रेफरल केंद्र के रूप में कार्य करेगा। इस मौके पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Dy. CM Brajesh Pathak) ने कहा कि सरकार इसके लिए हर सम्भव मदद करेगी। मौजूदा समय में फिलहाल यह सुविधा केवल कुछ ही भारतीयों के लिए सुलभ हैं जो इलाज के लिए विदेश जाते हैं।
Quaternary स्वास्थ्य सेवा केंद्र में निम्न अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी-
- प्रोटॉन थेरेपी
- ECMO (एक्स्ट्रा कॉरपोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन)
- उन्नत न्यूरो-इंटरवेंशनल तकनीक
- सटीक ऑन्कोलॉजी (Precision Oncology)
- अत्याधुनिक सेलुलर एवं जीन थेरेपी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए बनेगा विशेष केंद्र
स्थापना दिवस समारोह में स्वास्थ्य सेवा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए एक समर्पित केंद्र स्थापित करने की घोषणा भी की गई। निदेशक ने कहा कि एआई आज हर क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन ला रहा है और स्वास्थ्य सेवा इससे अछूती नहीं रह सकती। भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2047 तक “विकसित भारत” और “विकसित उत्तर प्रदेश” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एआई क्षेत्र में भारी निवेश किया जा रहा है। एसजीपीजीआई का उद्देश्य एआई आधारित तकनीकों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुरक्षित, तेज, सटीक और सुलभ बनाना है, जिससे देश के स्वास्थ्य ढांचे को भविष्य के लिए तैयार किया जा सके।
बनेगा यूपी मेडिकल कॉलेज नेटवर्क
पीजीआई यूपी मेडिकल कालेज नेटवर्क (UPMCN) तैयार कर रहा है। यह पहल राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एकीकृत, परस्पर जुड़े टेलीमेडिसिन ईकोसिस्टम के माध्यम से सीमाओं से परे स्वास्थ्य सेवा का निर्माण करेगी और विशेषज्ञ परामर्श तक पहुंच को आसान बनाएगी। यूपीएमसीएन हब एंड स्पोक मॉडल, साझा विशेषज्ञता, दूरस्थ टेली-परामर्श, टेली-शिक्षा, टेली-आईसीयू और केंद्रीकृत डेटा विश्लेषण पर आधारित निर्बाध सहयोग को बढ़ावा देगा, जिससे नागरिकों को उनके स्थान की परवाह किए बिना विशेषज्ञ देखभाल प्राप्त हो सके। पहले से ही, छह राज्य मेडिकल कॉलेजों के साथ टेली-आईसीयू का एक पायलट प्रोजेक्ट डेढ़ साल से चल रहा है और इसे 2025 में एफआईसीसीआई द्वारा सार्वजनिक अस्पताल में रोगी सुरक्षा पहल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने दी शुभकामनाएं
कार्यक्रम में मौजूद उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने संस्थान के चिकित्सकों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं एवं कर्मचारियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि संजय गांधी पीजीआई न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में उच्चस्तरीय चिकित्सा, अनुसंधान एवं चिकित्सा शिक्षा का एक उत्कृष्ट केंद्र बनकर उभरा है। कहा कि एसजीपीजीआई ने अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं, नवाचार आधारित शोध तथा गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा के माध्यम से लाखों मरीजों को नया जीवन दिया है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि संस्थान भविष्य में भी चिकित्सा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुएगा और जनसेवा के अपने दायित्व को पूरी निष्ठा से निभाता रहेगा। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग, नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. अभिजात चंद्रकांत सेठ, संकाय अध्यक्ष प्रो. शालीन कुमार, डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. सी.एम. सिंह, विशेष सचिव कृतिका शर्मा सहित कई चिकित्सक उपस्थित रहे।
