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उत्तर प्रदेश के दो लाख से अधिक युवाओं को मिलेगा रोजगार बनेंगे Fire Safety officers

उत्तर प्रदेश बनेगा देश पहला ऐसा राज्य, जहां युवाओ को प्रशिक्षण देकर Fire Safety officers और अग्नि सुरक्षा कर्मियों के पद पर नौकरी के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे

Lucknow: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और राज्य को आपदाओं के प्रति और अधिक सुरक्षित बनाने के अपने मिशन पर लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में अब प्रदेश के दो लाख से अधिक युवाओं को अग्नि सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार देने की बड़ी योजना पर काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर फायर सर्विस विभाग ने एक ठोस कार्ययोजना तैयार की है, जिसके तहत युवाओं को प्रशिक्षण देकर निजी भवनों में फायर सेफ्टी ऑफिसर और अग्नि सुरक्षा कर्मी के पदों पर नियुक्ति दी जाएगी।

निजी भवनों में अनिवार्य होगी फायर सेफ्टी नियुक्ति

उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहां फायर सेफ्टी ऑफिसर और अग्नि सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति निजी भवनों में अनिवार्य की जा रही है। “उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा अधिनियम–2022” के तहत यह प्रावधान किया गया है। यह अधिनियम केंद्र सरकार के “मॉडल फायर सर्विस बिल–2019” के अनुरूप है।

एक हफ्ते से चार हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद मिलेगी नौकरी

फायर सर्विस विभाग की एडीजी पद्मजा चौहान ने बताया कि इच्छुक युवाओं को 1 से 4 हफ्ते का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके बाद उन्हें प्रमाण पत्र (सर्टिफिकेट) प्रदान किया जाएगा। फिर उन्हें प्रदेश के मॉल, मल्टीप्लेक्स, बड़े हॉस्पिटल, ऊंची इमारतों और औद्योगिक भवनों में नौकरी के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।

तैनाती के लिए तय हुए योग्यता मानक

  • फायर सेफ्टी ऑफिसर बनने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष, और प्रशिक्षण के लिए किसी भी जिले के फायर स्टेशन से एक हफ्ते का प्रशिक्षण आवश्यक होगा।

  • अग्नि सुरक्षा कर्मी बनने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कक्षा 10वीं उत्तीर्ण, और चार हफ्ते की ट्रेनिंग या लगातार दो वर्ष तक अग्नि वॉलंटियर के रूप में सेवा अनिवार्य होगी।

अन्य राज्यों के लिए आदर्श बन रहा उत्तर प्रदेश

प्रदेश में “अग्निशमन नियमावली–2024” भी लागू की जा चुकी है, जिसे देश के अन्य राज्य मॉडल के रूप में अपना रहे हैं। विभाग का ट्रेनिंग सेंटर (उन्नाव) अब 196 से बढ़कर 600 प्रतिभागियों की क्षमता वाला बनाया जा रहा है। साथ ही, रीजनल ट्रेनिंग सेंटर की भी स्थापना की जा रही है, ताकि आम नागरिकों और निजी संस्थानों के कर्मचारियों को भी गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण मिल सके।

अग्नि सुरक्षा अधिकारी और अग्नि सुरक्षा कर्मी के पद पर तैनाती का मिलेगा अवसर

अग्निशमन विभाग की एडीजी पद्मजा चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश के निजी भवनों में सिक्याेरिटी गार्ड की तरह अनिवार्य रूप से अग्नि सुरक्षा अधिकारी और अग्नि सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने की कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके लिए योग्यता के मानक भी तय कर लिये गये हैं।

विभाग द्वारा प्रदेश के इच्छुक युवाओं को एक हफ्ते से लेकर चार हफ्ते की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद उन्हें विभाग द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा, फिर प्रदेश के निजी भवनों जैसे- मॉल/मल्टीप्लेक्स, 100 या उससे अधिक बेड की क्षमता वाले हॉस्पिटल, 24 मीटर से अधिक ऊंचाई के गैर आवासीय भवन, 45 मीटर से अधिक ऊंचाई के आवासीय भवन, 10,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले औद्योगिक भवनों में नौकरी के अवसर प्राप्त होंगे।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने केंद्र सरकार के “मॉडल फायर सर्विस बिल–2019” को स्वीकार करते हुए “उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा अधिनियम–2022” लागू किया है। इस अधिनियम के तहत निजी भवनों में प्रशिक्षित अग्नि सुरक्षा अधिकारियों के साथ अग्नि सुरक्षा कर्मियों की तैनाती अनिवार्य है। इन भवनों में अग्नि सुरक्षा अधिकारियों और अग्नि सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने वाला देश का पहला राज्य (उत्तर प्रदेश) बन जाएगा।

  • यूपी में पहली बार निजी भवनों में फायर सेफ्टी कर्मियों की अनिवार्य नियुक्ति

  • 2 लाख से ज्यादा युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण और नौकरी

  • एक से चार हफ्ते के भीतर तैयार होंगे प्रशिक्षित अग्नि सुरक्षा अधिकारी

  • देशभर में बनेगा उत्तर प्रदेश मॉडल राज्य

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