Health

पूर्व सीएमओ के सरकारी आवास से बरामद हुए 22 लाख के पुराने नोट

डॉक्टर की रहस्यमयी मौत के 11 साल बाद खुला राज

Lucknow: अंबेडकरनगर जिले में पीएचसी (PHC) मीरानपुर स्थित चिकित्सक आवास (Doctor’s Residence) से करीब 22.5 लाख रुपये की पुरानी करंसी मिलने से हडक़ंप मच गया है। यह कैश 2014 में रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाए गए तत्कालीन एसीएमओ और कार्यवाहक सीएमओ (CMO) डॉ. ब्रह्मनारायण तिवारी के कमरे से मिला है। नोट बंद हो चुके 1000 और 500 रुपये के हैं।

मालूम हो कि डॉक्टर तिवारी की मौत के बाद से उनका सरकारी आवास सील कर दिया गया था। अब करीब एक दशक बाद मरम्मत कार्य के दौरान कमरा खोला गया तो अंदर से पैसों (Old Currency) से भरे बंडल बरामद हुए। पूरी प्रक्रिया सीएमओ (CMO) डॉ. संजय कुमार शैवाल के निर्देश पर हुई, जिसमें अधिकारियों की समिति की निगरानी और वीडियोग्राफी भी शामिल रही।

मरम्मत में खुला बंद रहस्य

पीएचसी मीरानपुर में बने चार सरकारी चिकित्सक आवासों की मरम्मत कराई जा रही है। इन्हीं में से एक आवास में कभी डॉ. तिवारी रहते थे। 29 जनवरी 2014 को वह मृत पाए गए थे। उस समय वह अकेले रहते थे और उनकी मृत्यु संदिग्ध मानी गई थी। परिवार के बीच संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद के चलते आवास को पुलिस द्वारा बंद करा दिया गया था। मरम्मत की प्रक्रिया शुरू होने पर सीएमओ ने संबंधित थाने से यह जानकारी मांगी कि क्या इस कमरे पर कोई कानूनी मामला लंबित है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि मामला विचाराधीन नहीं है, तो एक समिति गठित कर आवास खुलवाया गया।

नोटों की गड्डियां देख अधिकारी रह गए हैरान

ताला खुलते ही पुराने घरेलू सामानों के बीच जब नोटों के बंडल दिखाई दिए तो सभी अधिकारी चौंक गए। वीडियोग्राफी के बीच की गई गिनती में 1000 रुपये के 776 नोट और 500 रुपये के 2945 नोट मिले। कुल राशि 22,48,505 रुपये आंकी गई, जिसमें एक पांच रुपये का सिक्का भी शामिल है। सीएमओ ने इस बारे में प्रमुख सचिव (Principal Secretary), स्वास्थ्य महानिदेशक (DG Health), जिलाधिकारी (DM) और पुलिस अधीक्षक (SP) को सूचना भेजकर धनराशि को राजकोष में जमा कराने की सिफारिश की है। सीएमओ के अनुसार यह रकम कहां से आई, इसका कोई प्रमाण या दस्तावेज नहीं मिला है।

मौत का रहस्य आज भी बरकरार

डॉ. ब्रह्मनारायण तिवारी प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले थे। सर्दियों में एसी चलते हुए बंद कमरे में उनकी मृत्यु हो गई थी, जो अब तक रहस्य बनी हुई है। परिवार में उनकी संपत्ति को लेकर हुए विवादों के बीच उनकी मौत की गुत्थी कभी नहीं सुलझ सकी। डिप्टी सीएमओ डॉ. संजय वर्मा के अनुसार आवास को अधिकारियों की उपस्थिति और वीडियोग्राफी के साथ खोला गया। नोटों को सूचीबद्ध कर सुरक्षित रखा गया है और अब उच्च अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

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