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पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन का धमाका – ‘तेजस्वी प्रण पत्र’ जारी, हर घर नौकरी से लेकर महिलाओं के सशक्तिकरण तक बड़े वादे

पटना: बिहार की सियासी गलियारों में छठ पूजा की धूम थमते ही चुनावी बिगुल तेज हो गया है। विपक्षी महागठबंधन ने विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपना साझा घोषणापत्र जारी कर दिया। इंडिया गठबंधन ने इसका नाम रखा है ‘तेजस्वी प्रण पत्र’। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेतृत्व वाले इस गठबंधन ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी प्रसाद यादव की तस्वीर वाले इस दस्तावेज को लॉन्च करते हुए राज्य को ‘देश का नंबर वन राज्य’ बनाने का विजन पेश किया।

घोषणापत्र जारी करने के मौके पर तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, सीपीआई(एमएल) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी समेत सभी घटक दलों के प्रमुख नेता मौजूद रहे। तेजस्वी ने कहा, “यह प्रण पत्र बिहार के अगले पांच साल का रोडमैप है। हम एनडीए से अपील करते हैं कि वे भी अपना मुख्यमंत्री चेहरा और योजनाएं स्पष्ट करें। बिहार की जनता बदलाव चाहती है, और हम उसे नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और समानता देंगे।”

महागठबंधन ने इस घोषणापत्र को ‘अति-पिछड़ा न्याय संकल्प’ के रूप में पहला भाग जारी करते हुए सामाजिक न्याय और आर्थिक उत्थान पर जोर दिया। तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमने सबसे पहले अपना सीएम फेस घोषित किया और अब प्रण पत्र जारी कर दिया। इससे साफ है कि बिहार के भविष्य को लेकर हम कितने गंभीर हैं। भाजपा और एनडीए ने हमेशा बिहार को ठगा है, लेकिन इस बार जनता का फैसला बदलाव के पक्ष में होगा।” कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इसे ‘जनता का विजन डॉक्यूमेंट’ बताते हुए कहा कि यह न केवल वादों का पुलिंदा है, बल्कि बिहार को आगे ले जाने का ठोस प्लान है।

युवा, महिला और किसान पर फोकस

घोषणापत्र में कुल 10 प्रमुख क्षेत्रों पर विस्तृत योजनाएं हैं, जिनमें रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी गई है। गठबंधन ने वादा किया है कि सरकार बनने पर इन वादों को अमल में लाया जाएगा। प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:

  • रोजगार और नौकरी का वादा: ‘हर परिवार में एक सरकारी नौकरी’ की पुरानी प्रतिबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, 10 लाख नई नौकरियां सृजित की जाएंगी। संविदा कर्मचारियों को स्थायी करने और बेरोजगार युवाओं को 5,000 रुपये मासिक भत्ता देने का ऐलान। तेजस्वी ने कहा, “युवा बेरोजगारी बिहार की सबसे बड़ी समस्या है, हम इसे खत्म करेंगे।”
  • महिला सशक्तिकरण: ‘मां योजना’ के तहत हर महिला को मासिक 1,000 रुपये और ‘बेटी योजना’ के अंतर्गत लड़कियों की शिक्षा-विवाह के लिए 50,000 रुपये की सहायता। जीविका दीदियों को 2,000 रुपये मासिक इंसेंटिव और 200 यूनिट मुफ्त बिजली। पंचायत प्रतिनिधियों के भत्ते दोगुना करने और पूर्व प्रतिनिधियों को पेंशन का वादा।
  • आरक्षण और सामाजिक न्याय: अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), एससी-एसटी के लिए आरक्षण को जनसंख्या अनुपात के आधार पर 50% से अधिक बढ़ाया जाएगा। इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कर न्यायिक समीक्षा से बचाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। निजी स्कूलों में 50% सीटें इन वर्गों के लिए आरक्षित। 25 करोड़ तक के ठेकों में 50% आरक्षण।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य: सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, मुफ्त लैपटॉप वितरण और स्वास्थ्य बीमा को 10 लाख तक बढ़ाना। हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्लान।
  • कृषि और किसान कल्याण: किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी, 500 रुपये में गैस सिलेंडर और फसल बीमा योजना का विस्तार। सिंचाई सुविधाओं का विस्तार।
  • अन्य वादे: कानून-व्यवस्था मजबूत करने के लिए नई पुलिसिंग मॉडल, बुजुर्गों के लिए पेंशन बढ़ाकर 1,000 रुपये मासिक और अल्पसंख्यक समुदाय के लिए विशेष योजनाएं। अटकलों के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री पद पर अल्पसंख्यक नेता को शामिल करने की घोषणा भी हो सकती है।

तेजस्वी यादव ने एनडीए पर निशाना साधते हुए कहा, “वे केवल नकारात्मक प्रचार करते हैं। हमारा प्रण पत्र बिहार को नंबर वन बनाने का रोडमैप है, जिसमें युवा, महिला और किसान सबके लिए कुछ न कुछ है।” वामपंथी नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने इसे ‘लोकतांत्रिक समाजवाद का मेनिफेस्टो’ बताया, जबकि मुकेश सहनी ने पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण वादे की सराहना की।

चुनावी जंग तेज, राहुल गांधी भी शुरू करेंगे प्रचार

इंडिया गठबंधन का यह घोषणापत्र बिहार चुनाव 2025 की जंग को और तेज कर देगा, जहां 243 सीटों पर 10 नवंबर से पहले चरणबद्ध मतदान होगा। महागठबंधन (आरजेडी, कांग्रेस, वामपंथी दल, विकासशील इंसान पार्टी) ने 144 सीटों पर दावा किया है, जबकि एनडीए (जेडीयू-बीजेपी) ने अभी अपना मेनिफेस्टो जारी नहीं किया। 29 अक्टूबर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी मुजफ्फरपुर और दरभंगा में ताबड़तोड़ रैलियां करेंगे।

संभावना है कि ‘तेजस्वी प्रण पत्र’ को युवा और महिला वोटरों का समर्थन मिलेगा। विशेषतौर पर बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों पर लुभाने में सफल होगा। तेजस्वी ने कहा, “बिहार की जनता ने 2020 में बदलाव का संकेत दिया था, इस बार पूरा बदलाव लाएंगे।” वहीं, एनडीए ने इसे ‘खोखले वादे’ बताते हुए पलटवार की बात कर रही है।

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