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मंडल आयोग की सभी सिफारिशें लागू होने पर ही पूरा होगा मंडल जी का सपना: जस्टिस वीरेंद्र सिंह

LUCKNOW: सामाजिक न्याय की संकल्पना तभी साकार होगी जब मंडल आयोग (Mandal Ayog) की सभी सिफारिशें लागू की जाएंगी। फिलहाल केवल दो अनुशंसाएं ही लागू हैं, जबकि 38 अनुशंसाएं अब तक लंबित हैं। इनके बिना सामाजिक न्याय मात्र एक सपने की तरह है।

सोमवार को प्रेस क्‍लब लखनऊ में बीपी मंडल की की जयंती के अवसर पर रिटायर्ड जस्टिस वीरेंद्र सिंह (Justice Virendra Singh) ने यह बात कही। जस्टिस वीरेंद्र सिंह सामाजिक चेतना फाउंडेशन न्यास की ओर से “सामाजिक न्याय में वोट के अधिकार की भूमिका” विषय पर आयोजित सेमिनार में अपने विचार रख रहे थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने की। इस अवसर पर फाउंडेशन के अध्यक्ष पूर्व जनपद न्यायाधीश बी.डी. नक़वी, उपाध्यक्ष प्रो. राजेंद्र वर्मा, उपाध्यक्ष एडवोकेट देवेंद्र सिंह, सचिव महेंद्र कुमार मंडल सहित न्यास के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे।

सेमिनार में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. मुनेश कुमार, उच्च न्यायालय लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता आई.पी. सिंह, अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव, अधिवक्ता रामबाबू सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने विचार साझा किए।

पूर्व न्यायाधीश बी.डी. नक़वी ने कहा कि समाज में व्याप्त ऊंच-नीच, छुआछूत और भेदभाव सामाजिक न्याय की सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने मंडल जी को नमन करते हुए कहा कि जब तक उनकी रिपोर्ट की सभी अनुशंसाएं लागू नहीं होंगी, तब तक पिछड़े वर्ग का वास्तविक कल्याण संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से मंडल जी ने देश भर में घूम-घूम कर आंकड़े जुटाए और ओबीसी वर्ग के हितों की रिपोर्ट तैयार की उस रिपोर्ट की जब तक सभी अनुशंसाएं लागू नहीं की जाती हैं पिछड़े वर्ग का भला नहीं होने वाला है।

न्यास के उपाध्यक्ष प्रोफेसर राजेंद्र वर्मा जी ने बताया कि उच्च शिक्षा में आज भी पिछड़े वर्ग के प्रोफेसरों की संख्या नगण्य है। ऐसे में जब तक मंडल कमीशन की सभी शिफारिशों को नहीं लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय को मूर्त रूप देने के लिए उच्च शिक्षा और प्रोफेसरी में पिछड़े वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।

सेमिनार में बोलते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता एडवोकेट राजेश श्रीवास्तव जी ने बताया कि आज भी देश की उच्च न्यायपालिका में पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व न के बराबर है ऐसे में पिछड़े वर्ग के लोगों को न्यायपालिका में उचित प्रतिनिधित्व देकर सामाजिक न्याय की संकल्पना को साकार किया जा सकता है, इसके अलावा सेमिनार में वरिष्ठ अधिवक्ता आईपी सिंह उच्च न्यायालय लखनऊ, अधिवक्ता देवेंद्र सिंह जी, अधिवक्ता संजय कुमार जी, प्रोफेसर मुनेश कुमार जी सहित अनेक साथियों ने संबोधित किया।

इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता आई.पी. सिंह, अधिवक्ता संजय कुमार, अधिवक्ता देवेंद्र सिंह और प्रो. मुनेश कुमार ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अंत में न्यास के सचिव एडवोकेट महेंद्र मंडल ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

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