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गलत बैलेंस शीट पर घिरी सलाहकार कंपनी, कार्रवाई की मांग

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Lucknow: राज्य विद्युत नियामक आयोग (UPERC) द्वारा बिजली कंपनियों के निजीकरण के टेंडर मसौदे में वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किए जाने के बाद अब इस पूरे मामले में कार्रवाई की मांग तेज हो गई है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने गलत बैलेंस शीट तैयार करने वाली सलाहकार (Consultant) कंपनी ग्रांट थॉर्नटन के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कंपनी की बर्खास्तगी और बैलेंस शीट (Balance Sheet) पर हस्ताक्षर करने वाले सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि आयोग ने जिन वित्तीय खामियों को चिन्हित किया है, उनमें ग्रांट थॉर्नटन द्वारा तैयार की गई भ्रामक बैलेंस शीट प्रमुख है। पावर कॉरपोरेशन (UPPCL) के तहत काम कर रही दो बिजली वितरण कंपनियों को भंग कर बनाई जाने वाली पांच निजी कंपनियों के लिए इस बैलेंस शीट का निर्माण किया गया था। लेकिन इसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 के वास्तविक आंकड़ों को शामिल नहीं किया गया, साथ ही बहुवर्षीय टैरिफ नियमन-2025 के नियमों का भी उल्लंघन किया गया है।

वर्मा ने बताया कि बैलेंस शीट में उपभोक्ताओं की जमा धनराशि और सरकारी ग्रांट को संपत्तियों के रूप में दर्शाकर औद्योगिक समूहों को रिटर्न ऑन इक्विटी (Return on equity) के माध्यम से हजारों करोड़ रुपये का अनुचित लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मनमाने आंकड़ों के आधार पर बनाई गई इस बैलेंस शीट पर पावर कॉरपोरेशन और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपनी सहमति की मुहर लगा दी, जो कि एक गंभीर चूक है।

परिषद का कहना है कि अगर इन आंकड़ों के आधार पर कंपनियों की रिजर्व बिड प्राइस तय की जाती है, तो प्रत्येक निजी कंपनी की कीमत 1500 करोड़ रुपये से कम नहीं होगी। बावजूद इसके पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और वित्तीय शुद्धता की अनदेखी की गई है।
परिषद ने निदेशक वित्त सहित सभी संबंधित अफसरों को तत्काल पद से हटाकर उनके खिलाफ विभागीय जांच और दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।

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