उत्तर प्रदेश के गांवों में 10 रूपये और शहरों में 14 रूपये प्रति यूनिट मिलेगी बिजली !
निजीकरण के साथ ही ग्रामीणों से 8 रूपये और शहरी उपभोक्ताओं से 9 रूपये प्रति यूनिट की दर से बिल से वसूलने की तैयारी में यूपी सरकार,

Lucknow: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने शहरी और ग्रामीण दोनों ही उपभोक्ताओं के जेब पर डाका डालने की तैयारी की है। यूपीपीसीएल का पया बिजली दर प्रस्ताव पास हो गया तो ग्रामीण उपभोक्ताओं को 8 रूपये और शहरी उपभोक्ताओं को 9 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल चुकाना होगा। यदिलोड के अनुसार फिक्स चार्ज को जोड़ लिया जाए तो यह दरें 12-14 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच जाएगीं।
उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया पर काम कर रही है। सबसे पहले पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की प्रक्रिया अभी शुरू की गई है। एक तरफ निजीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई और दूसरी तरफ बिजली विभाग ने बिजली दरों में भारी बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव नियामक आयोग को सौंप है। जिसके अनुसार ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्र तक भारी बढ़ोत्तरी की तैयारी है।
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उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33122 करोड़ सर प्लस निकल रहा है ऐसे में अब हर हाल में विद्युत नियामक आयोग से हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी और विद्युत नियामक आयोग 45 प्रतिशत उपभोक्ताओं की बिजली दलों में कमी करके उसका हिसाब बराबर कर सकता हैं।
अवधेश वर्मा ने कहा कि बिजली दरों को स्लैब में बांटते हुए टैरिफ को काफी बढ़ा दिया है। आने वाले समय में कुछ स्लैब में 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। फिक्स चार्ज को जोड़ लिया जाए तो उत्तर प्रदेश में अब बिजली दरें लगभग 12 से 14 रुपये प्रति यूनिट के आसपास पहुंच जाएगी।
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भाजपा का संकल्प पत्र भी नकारा
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव के समय संकल्प पत्र जारी कर कहा था कि सरकार बनने के बाद गरीबों (बीपीएल) को 100 यूनिट तक 3 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिलेगी। पावर कारपोरेशन ने उसमें 33 प्रतिशत इजाफा करके बिजली की दरें 4 रुपये प्रति यूनिट कर दीं।
अब प्राइवेट कंपनियों की तरह ही गांवों में अधिकतम बिजली दरें 8 रुपये प्रति यूनिट प्रस्तावित की गई हैं। शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरें 9 रुपये प्रति यूनिट प्रस्तावित की गईं। इसके अलावा शहरी घरेलू उपभोक्ता जो 110 फिक्स चार्ज देते थे। उसे 190 रुपये प्रति किलोवाट प्रस्तावित किया गया है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में वसूले जाने वाले फिक्स चार्ज को 90 रुपये प्रति किलोवाट से बढ़ाकर 150 रुपये प्रति किलोवाट प्रस्तावित किया गया है।
प्रस्ताव खारिज करने की मांग
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि कॉरपोरेशन ऊर्जा सेक्टर को तबाह करने में लगा है। वर्मा ने आयोग के चेयरमैन अरविन्द कुमार से मिलकर एक प्रस्ताव सौंपते हुए दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह आम उपभोक्ताओं को हित में नहीं है। वर्मा का कहना है कि एक समय था जबकि भारतीय जनता पार्टी बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर नियामक आयोग के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने जाती थी। आज भाजपा सत्ता में आने के बाद उत्तर प्रदेश की बिजली दरों में इतना बड़ा इजाफा करने जा रही है।
उपभोक्ताओं पर बिजली विभाग पर 33 हजार करोड़ बकाया
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33122 करोड़ सर प्लस निकल रहा है। ऐसे में अब हर हाल में विद्युत नियामक आयोग से हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी और विद्युत नियामक आयोग 45% उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी करके उसका हिसाब बराबर करें।