केजीएमयू में डाक्टर ही करते रहे डाक्टरों से ठगी

Lucknow: केजीएमयू (KGMU) के सीनियर रेजीडेंट डॉ. अजय कुमार वर्मा और उनकी पत्नी डॉ. साक्षी वर्मा, पूर्व डॉ. गौरव और तीन अज्ञात के खिलाफ 30 लाख की ठगी का मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा केजीएमूय के ही जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर मो. आमिर हुसैन ने दर्ज कराया है। आमिर का कहना है कि डॉ. साक्षी ने अपनी कम्पनी ग्रीन बाई वेदा में निवेश के नाम पर उनसे सात लाख रुपये ठग लिए। साक्षी ने आमिर के माध्यम से चेन बनाकर केजीएमयू के अन्य डाक्टरों को धन दोगुना करने के नाम पर निशाना बनाकर 30 लाख रुपये की ठगी की है।
डॉ. आमिर की शिकायत पर लखनऊ के चौक कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। तहरीर में आमिर ने आरोप लगाया कि उसकी मुलाकात केजीएमयू के फिजियोलॉजी विभाग की डाक्टर साक्षी से हुई। उसने एनाटॉमी विभाग में कार्यरत डॉ. अजय कुमार वर्मा से उसे मिलवाया। दोनों में रुपया दोगुना करने के नाम निवेश की बात कही। लखनऊ में गोमती नगर इलाके के विभूतिखंड के साइबर टॉवर में स्थित ग्रीन बाई वेदा कम्पनी के बारे में साक्षी ने आमिर को बताया। डॉक्टर आमिर के अनुसार साक्षी ने उन्हें अपनी बातों में फंसाते हुए झांसा देकर 7 लाख रुपये की ठगी की। इसके लिए उन्होंने 2.5 लाख रुपये के्रडिट कार्ड से और 4.5 लाख रुपये डॉ. अजय के खाते में ट्रांसफर किए थे। आमिर के अनुसार पैसा लेने के बाद साक्षी व अजय ने उन्हें एक होटल में बुलाकर उनसे कुछ दस्तावेजों पर साइन करने का दबाव बनाया था। हस्ताक्षर करने में आनाकानी करने पर उनसे कहा कि उन्हें फंसा दिया जाएगा। नियम व शर्तें बताकर कागजों पर जबरन साइन कराया गया।
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और ज्यादा डाक्टरों को जोड़ने का दबाव
केजीएमयू के जूनियर रेजिडेंट डॉ. आमिर ने बताया कि साक्षी और अजय ने उन पर दबाव बनाया कि वह और डाक्टरों को इस नेटवर्क से जोड़ें। जब उन्होंने ऐसा करने से मना किया तो धमकी भी दी। इसके बाद आमिर ने अपने सहयोगी डॉ. मो. फिरोज खान को उनसे मिलवाया। उसने भी कम्पनी सात लाख रुपये का निवेश किया। फिरोज के पैसा निवेश करने के बाद आमिर के खाते में कुछ रकम कमीशन के नाम पर भेजी गई। उसने बताया कि साक्षी लगातार यह दबाव बनाती रही कि इस नेटवर्क को और बढ़ाना है। अधिक से अधिक डाक्टरों को इससे जोडऩा होगा। इसके लिए होटल में बुलाकर एक सेमिनार किया गया, जिसमें साक्षी ने कम्पनी की स्कीम के बारे में जानकारी दी। बताया कि छह माह में धन दोगुना हो जाएगा। केजीएमयू के पूर्व डॉ. गौरव भी वहां पहुंचे थे। आमिर के अनुसार डॉ. आशुतोष सिंह ने 6.6 लाख रुपये का निवेश किया। वाराणसी के डॉक्टर आशीष कुमार ने तीन लाख, उनके साथी डॉ. ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने तीन लाख, डॉ. अनुपमा वर्मा और डॉ. राघवेंद्र ने 2.20 लाख रुपये का निवेश किया है। समय पूरा होने पर रुपयों की मांग की तो टाल मटोल करने लगे।
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केजीएमयू को पुलिस ने भेजा
डाक्टर आमिर की तहरीर पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने केजीएमयू प्रशासन को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी। पुलिस ने दोनों आरोपी डाक्टरों के बारे में केजीएमयू से जानकारी भी मांगी है। पुलिस के अनुसार अधिकांश रुपयों का लेन देन खाते में हुआ है इस वजह से आरोपी की पहचान आसान है। पुलिस ने ऑनलाइन देने की विस्तृत रिपोर्ट खोजने में जुट गई है। पुलिस इंस्पेक्टर नागेश उपाध्याय के अनुसार आरोपियों से पूछताछ के लिए टीम गठित कर दी गई। उससे पहले शिकायतकर्ता से मामले से जुड़े दस्तावेज मांगे गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अगर यह जांच ठीक से आगे बढ़ी तो कई अन्य खुलासे हो सकते हैं। इस मामले के उजागर होने बाद से केजीएमयू कैम्पस में हचलचल मची हुई है।