World Asthma Day 2025: अस्थमा के इलाज में इन्हेलर से डरे नहीं, अपने डॉक्टर से लें सही जानकारी – डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

Lucknow: विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day 2025) के अवसर पर डॉक्टर्स ने अस्थमा मैनेजमेंट में ‘इनहेलर थेरपी’ की भूमिका को रेखांकित करते हुए इसे सभी के लिए सुलभ बनाने की अपील की है। इस वर्ष की थीम “इन्हेलर थेरपी को सभी के लिए सुलभ बनाना” को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता अभियानों की शुरुआत की गई है।
इस अवसर पर जाने माने स्पेशलिस्ट प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि अस्थमा एक पुरानी श्वसन बीमारी है जो सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करती है। इसके सामान्य लक्षणों में घरघराहट, खांसी, सीने में जकड़न और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। यदि इसका समय पर और सही तरीके से इलाज न हो तो यह जीवन की गुणवत्ता को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।
प्रो. राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि भारत में लगभग 3.5 करोड़ अस्थमा रोगी हैं, और विश्व स्तर पर अस्थमा के कारण होने वाली मौतों में से 46% अकेले भारत में होती है। इसका मुख्य कारण अस्थमा का सही समय पर इलाज ना हो पाना और सांस के मार्ग में होने वाली सूजन को कम करने वाले इनहेल्ड स्टेरॉयड जैसे प्रमुख उपचार का कम उपयोग है।
उन्होंने कहा, “अस्थमा एक इलाज योग्य बीमारी है। यदि इसका सही समय पर इलाज हो और मरीज डॉक्टरों की सलाह के अनुसार नियमित रूप से दवाएं लें, तो वे सामान्य और सक्रिय जीवन जी सकते हैं।” उन्होंने बताया कि इनहेलर थेरपी अस्थमा प्रबंधन का मुख्य आधार है, लेकिन इसके उपयोग को लेकर मरीजों में भ्रम और डर बना रहता है।
प्रोफेसर प्रसाद ने डॉक्टरों, मरीजों और देखभाल करने वालों को सलाह दी कि हर चिकित्सा जांच के दौरान सही इनहेलर तकनीक की जानकारी जरूर लें। इनहेलर का गलत उपयोग बार-बार अस्थमा का दौरा और यहां तक कि मौत का कारण बन सकता है।
विश्व अस्थमा दिवस 2025 (World Asthma Day) की थीम “इन्हेलर थेरपी को सभी के लिए सुलभ बनाना” को ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) ने चुना है। यह विषय अस्थमा से जुड़े भ्रांतियों को दूर करने, शिक्षा और जागरूकता बढ़ाने, और मरीजों के समुचित उपचार की दिशा में सामूहिक प्रयास की आवश्यकता को रेखांकित करता है।