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KGMU: डॉ. तनमय तिवारी की खोज से बढ़ेगी मरीजों की सुरक्षा, डिजाइन किए गए उपकरण को मिला पेटेंट

LUCKNOW: एनेस्थीसिया क्षेत्र में एक अहम उपलब्धि हासिल करते हुए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के डॉ. तनमय तिवारी को भारत सरकार के पेटेंट (Patent) कार्यालय की ओर से उनके आविष्कार “एंटी रेडियल डिविएशन डिवाइस फॉर सेफ लैरेन्गोस्कोपी” के लिए डिज़ाइन पेटेंट प्रदान किया गया है। यह उपकरण मरीजों की सुरक्षा को बढ़ाने और लैरेन्गोस्कोपी प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

सुरक्षित लैरेन्गोस्कोपी के लिए खोजी तकनीक

यह अभिनव उपकरण एनेस्थीसिया के क्षेत्र, विशेषकर एयरवे मैनेजमेंट में एक महत्वपूर्ण प्रगति है जो एयरवे मैनेजमेंट (Airway Management) को और बेहतर बनाता है। यह लैरेन्गोस्कोपी (Laryngoscopy) के दौरान रेडियल डिविएशन (Radial Deviation) को कम करता है, जिससे चिकित्सकों के लिए एर्गोनॉमिक्स (Ergonomix) में सुधार होता है और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।डॉ. तनमय तिवारी का प्रयास निरंतर “सुरक्षित एयरवे, सुरक्षित जीवन” के सिद्धांत पर केंद्रित है।

डिज़ाइन पेटेंट मिलने पर केजीएमयू (KGMU) के एनेस्‍थीसिया विभाग के डॉ. तिवारी ने कहा, “डिज़ाइन पेटेंट प्राप्त करना गर्व का विषय है। मेरा उद्देश्य सदैव ऐसे व्यावहारिक समाधान तैयार करना रहा है जो मरीजों की सुरक्षा को बढ़ाएँ और परिणामों को बेहतर बनाएँ। यह उपलब्धि मुझे आगे और नए नवाचार करने के लिए प्रेरित करेगी।”

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केजीएमयू (KGMU) की कुलपति प्रो. डॉ. सोनिया नित्यानंद ने इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, “यह डिज़ाइन पेटेंट हमारे विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है। डॉ. तनमय तिवारी का यह नवाचार न केवल चिकित्सा जगत में मरीजों की सुरक्षा को सशक्त करेगा बल्कि संस्थान की अनुसंधान क्षमता और वैश्विक पहचान को भी और ऊँचाइयों तक ले जाएगा।”

Tanmay Tiwari KGMU 1

वहीं विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. मोनिका कोहली ने कहा कि डॉ. तिवारी की यह उपलब्धि हमारे विभाग के लिए प्रेरणादायक है। यह उनके क्लिनिकल अनुभव और नवाचार की सोच का परिणाम है, जो आने वाले समय में एनेस्थीसिया की प्रैक्टिस को और सुरक्षित व उन्नत बनाएगा।।

यह पेटेंट भारत में स्वदेशी अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहन देने के साथ ही वैश्विक स्तर पर एनेस्थीसिया देखभाल के मानकों को भी मजबूत करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आविष्कार मरीजों की सुरक्षा और चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता को एक नई दिशा देगा।

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