Health

51 नहीं अब सिर्फ 17 जिलों में ही चलेगा फाइलेरिया उन्मूलन अभियान

Lucknow: यूपी में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान (Filaria Eradication Campaign) अब 51 नहीं सिर्फ 17 जिलों में ही चलाया जायेगा। वहीं पहले यह अभियान साल में दो बार चलाया जाता जो अब वर्ष में ही बार चलेगा।

राज्य फाइलेरिया अधिकारी डॉ ए.के. चौधरी ने बताया कि इस साल फरवरी व अगस्त में हुए सर्वजन दवा सेवन (MDA) राउंड के पहले किए गए प्रि-टास (ट्रांसमिशन एसेसमेंट सर्वे), टास और नाइट ब्लड सर्वे (NBS) के आधार पर पाया गया कि सिर्फ 17 जिलों के 52 ब्लाक में ही एमडीए करने की जरूरत है। इसके आधार पर तय किया गया है कि इस साल से सिर्फ फरवरी में ही एमडीए अभियान चलाया जायेगा। गौरतलब है कि अभी तक साल में दो बार फरवरी व अगस्त में एमडीए अभियान चलाया जाता था।

इसे भी पढ़ें : राम सागर मिश्र अस्पताल में शुरू हुआ घुटना प्रत्यारोपण

आगामी एमडीए अभियान के मद्देनजर मंगलवार को इन 17 जिलों के मास्टर ट्रेनर को वर्चुअल माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। डॉ चौधरी ने बताया कि इस बार के एमडीए में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसी के चलते यह मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। अब ये मास्टर ट्रेनर अपने-अपने जिलों में आशा, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) व अन्य संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे।

इन 17 जिलों में से आठ जिलों में सीएचओ-पीएसपी समूह मरीजों को दवा खिलवाने व विरोध करने वाले को तैयार करने में सहयोग करेंगे। इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट कोर ग्रुप भी बनाए जा रहे हैं ताकि साथियों को जोडऩे में मदद की जा सके और उन्हें कार्यक्रम में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने और कवरेज बढ़ाने के लिए संगठित किया जा सके।

डॉ चौधरी ने बताया कि प्रदेश से फाइलेरिया उन्मूलन के लिए रणनीतिक बदलाव किए गए हैं। प्रत्येक फाइलेरिया मरीज को जल्द से जल्द निदान एवं उपचार, प्रत्येक यूनिट पर रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता निवारण (एमएमडीपी) क्लीनिक स्थापित करना व संबंधित अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करके एमडीए को मिशन मोड में चलाना इसमें प्रमुख हैं।

उन्होंने सभी जिलास्तरीय अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सामने दवा खिलाना सुनिश्चित करना है और दवा न खाने वालों का चिंहिकरण करें ताकि सब मिलकर उनको समझा सकें। उन्होंने फाइलेरिया मरीजों का विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भेजने की बात भी कही।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), पाथ, पीसीआई, सीफार व जीएचएस के प्रतिनिधियों ने मास्टर ट्रेनर के साथ विभिन्न मुद्दों पर बात की और उनके सवालों के जवाब दिए। सभी ने माइक्रो प्लानिंग करने पर फोकस किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रधान व कोटेदारों को पहले की तरह शामिल करने, आशा को अच्छे से प्रशिक्षित करने व मदरसों में कैंप लगाने की बात कही गई।

इन जिलों में चलेगा एमडीए

लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव, रायबरेली, अम्बेडकरनगर, अयोध्या, भदोही, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, बांदा, चित्रकूट, बलिया, कौशांबी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, सोनभद्र

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button