Health

इम्यूनोथेरेपी ने कैंसर मरीजों की उम्मीद बढ़ाई

रेडियोथेरेपी विभाग का 39वां स्थापना दिवस

Lucknow: इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy) कैंसर मरीजों के इलाज में काफी कारगर है, बशर्ते उसके साथ कीमोथेरेपी, सर्जरी और रेडियोथेरेपी का भी समान रूप से प्रयोग किया जाये। ऐसा करने से कैंसर मरीज (Cancer patient) की क्वालिटी आफ लाइफ को बेहतर किया जा सकता है और उसका जीवन भी बढ़ सकता है।

यह जानकारी कल्याण सिंह कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. एमएलबी भट्ट ने बुधवार ने दी। वह किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) रेडियोथेरेपी विभाग (Radiotherapy Department) के 39वें स्थापना दिवस (Foundation Day) समारोह को संबोधित कर रहे थे। शताब्दी भवन में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. भट्ट ने बताया कि देश में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हर साल लगभग 15 लाख नए मरीज सामने आ रहे हैं और सभी आयु वर्ग के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं।

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उन्होंने चिंता जताई कि 70 से 80 प्रतिशत मरीज इलाज के लिए तब पहुंचते हैं, जब कैंसर तीसरी या चौथी अवस्था में होता है, जिससे उपचार जटिल हो जाता है। उन्होंने कहा कि इम्यूनोथेरेपी ने कैंसर के इलाज में नई दिशा दी है। इस पद्धति से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जिससे वह कैंसर कोशिकाओं को पहचान कर नष्ट करने में सक्षम हो जाती है। उन्होंने बताया कि इम्यूनोथेरेपी के साथ सर्जरी और रेडियोथेरेपी को मिलाकर इलाज करने से ट्यूमर पर दोहरा प्रभाव पड़ता है और बेहतर परिणाम मिलते हैं।

इम्यूनोथेरेपी की कम खुराक भी प्रभावी

कार्यक्रम में डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि सिर और गले के कैंसर में इम्यूनोथेरेपी की कम खुराक भी प्रभावी साबित हो रही है। इससे इलाज का खर्च भी कम हो सकता है। आमतौर पर इम्यूनोथेरेपी की डोज 21 दिन के अंतराल पर दी जाती है और एक ही डोज को दो हिस्सों में इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में इम्यूनोथेरेपी की दवाएं सस्ती होंगी, क्योंकि कई दवाओं के पेटेंट समाप्त होने वाले हैं।
पीजीआई रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष व डीन डॉ. शालीन कुमार ने बताया कि आधुनिक तकनीक की मदद से रेडियोथेरेपी अब पहले से ज्यादा सटीक और कम समय में दी जा रही है, जिससे स्वस्थ कोशिकाओं को कम नुकसान होता है।

कैंसर से बचाव के लिए जीवनशैली में सुधार जरूरी

कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि कैंसर से बचाव और इलाज के लिए जीवनशैली में सुधार बेहद जरूरी है। उन्होंने फास्ट फूड, मैदा और रिफाइंड खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने, मौसमी फल और हरी सब्जियों के अधिक सेवन तथा नियमित व्यायाम की सलाह दी। कार्यक्रम में रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. राजीव गुप्ता ने विभाग की वार्षिक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।

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