SGPGI और PGI Chandigarh ने मिलकर की देश की पहली Scarless Brain CSF Leak Surgery

एसजीपीजीआई (SGPGI) लखनऊ और चण्डीगढ़ पीजीआई (PGI Chandigarh) के डॉक्टरों ने मिलकर देश में पहली बार बिना चीरा लगाए अत्याधुनिक तकनीक से मस्तिष्क मेरू तरल (Cerebrospinal Fluid-CSF) रिसाव की सफल सर्जरी की। इस न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी को एक 40 वर्षीय महिला पर अंजाम दिया गया, जिसे नाक से CSF का लगातार रिसाव हो रहा था।
डॉक्टरों का दावा है कि यह भारत की पहली संयुक्त ट्रांसऑर्बिटल और एंडोनासल सर्जरी है। अब तक इस तकनीक से दुनिया में सिर्फ पाँच मरीजों का ही ऑपरेशन हुआ है। भारत में अब तक इस रोग का उपचार पारंपरिक तरीके से नाक में चीरा लगाकर किया जाता रहा है।
यह ऑपरेशन एसजीपीजीआई के न्यूरोऑटोलॉजी के प्रमुख डॉ. रविशंकर, चण्डीगढ़ पीजीआई के ईएनटी सर्जन डॉ. आरएस विर्क और गोवा के डॉ. गोविन्द भुस्कुटे ने मिलकर किया है।
इन तीन डॉक्टरों ने दूरबीन (एंडोस्कोपिक) विधि का प्रयोग करते हुए बिना चीरा लगाए ऑपरेशन किया। यह प्रक्रिया लगभग दो घंटे तक चली और इसमें करीब 40 हजार रुपये का खर्च आया।
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सर्जरी के बाद मरीज में कोई निशान नहीं
लखनऊ एसजीपीजीआई के डॉ. रवि शंकर ने बताया कि 40 वर्षीय महिला के दिमाग का सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड उसकी बांयी नाक से आ रहा था। रोगी को सिर दर्द, उल्टी व चक्कर आदि के लक्षण थे। सर्जरी के बाद अब CSF का रिसाव पूरी तरह बंद हो गया है और नाक के आसपास कोई निशान भी नहीं है।
उन्होंने बताया कि इस रोगी के दांयी नाक में बिना चीरा लगाए सर्जरी की गई। अब महिला की नाक से रिसाव बंद हो गया है। चीरा न लगने की वजह से नाक के आसपास कोई निशान नहीं पड़ा है। डॉ. रवि शंकर ने पहला मामला होने के नाते ऑपरेशन में करीब दो घंटे का समय लगे। इसमें करीब 40 हजार रुपये का खर्च आया है। उन्होंने बताया कि अब लखनऊ में इस तकनीक से ऑपरेशन करेंगे।
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