7 मई को देशभर में मॉक ड्रिल (mock drill) : भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच गृह मंत्रालय ने जारी किए निर्देश
Nationwide civil defence mock drill tomorrow

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई को मॉक ड्रिल (mock drill) आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। यह निर्देश हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है, जिससे इसकी अहमियत और भी बढ़ जाती है।
गृह मंत्रालय की ओर से इसके लिए 5 मई एक आधिकारिक पत्र जारी किया गया है। यह पत्र जनरल फायर सर्विस, सिविल डिफेंस एंड होम गार्ड तथा सिविल डिफेंस महानिदेशालय द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजा गया है। इसमें देशभर के 244 चिन्हित सिविल डिफेंस जिलों में अभ्यास और तैयारियों की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं।
मॉक ड्रिल (mock drill) का उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों—जैसे कि आतंकी हमला, आग, या प्राकृतिक आपदा—में आम जनता और प्रशासन की प्रतिक्रिया को परखना होता है। इन ड्रिलों में आम लोग, वॉलंटियर्स और अधिकारियों को आपात स्थिति में आवश्यक कार्यवाही और सुरक्षित उपायों की जानकारी दी जाती है।
7 मई को प्रस्तावित मॉक ड्रिल (mock drill) ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों तक आयोजित की जाएगी। इसमें हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली की जाँच, कंट्रोल रूम की तैयारी, और आम नागरिकों व छात्रों को सुरक्षा उपायों की ट्रेनिंग देना शामिल होगा। साथ ही, कुछ समय के लिए घरों और संस्थानों की लाइटें पूरी तरह बंद रखने के निर्देश भी दिए जा सकते हैं, ताकि ब्लैकआउट जैसी स्थिति में तैयारी की जाँच हो सके।
इस मॉक ड्रिल (mock drill) में सिविल डिफेंस अधिकारी, जिला प्रशासन, होम गार्ड, एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र संगठन और स्कूल-कॉलेजों के छात्र भाग लेंगे।
गौरतलब है कि पहलगाम (Pahalgam) हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों के नेताओं की ओर से तीखे बयान आ रहे हैं। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में एक कार्यक्रम में बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि “जो देश की ओर आंख उठाकर देखेगा, उसे माकूल जवाब मिलेगा।”
उधर, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाज़ा आसिफ़ ने एक टेलीविज़न इंटरव्यू में भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को लेकर किसी तरह के निर्माण कार्य की आशंका पर कड़ी चेतावनी दी है।
इन हालात में 7 मई की मॉक ड्रिल (mock drill) को सिर्फ एक रूटीन सुरक्षा अभ्यास न मानकर, एक रणनीतिक तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है, जो भारत की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की सतर्कता और गंभीरता को दर्शाता है।