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84 निरीक्षक बने जीएसटी अधिकारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने नए साल पर पूर्व मनोरंजन कर विभाग के कार्यरत समस्त 84 निरीक्षकों को एकमुश्त राज्य कर अधिकारी के सीधी भर्ती के पद पर उच्चीकृत कर शुक्रवार को बड़ा तोहफा दिया। इस आदेश के बाद लंबे समय से राज्य कर विभाग में अपने हितों को लेकर लड़ाई लड़ रहे निरीक्षकों की सभी समस्याओं का समाधान सरकार ने एक ही आदेश से कर दिया।

गौरतलब है कि प्रदेश में 1 जुलाई 2017 से राज्य एवं सेवा कर प्रणाली लागू होने के बाद मनोरंजन कर विभाग को वाणिज्य कर विभाग सम्प्रति राज्य कर विभाग में आमेलित किया गया था। मनोरंजन कर विभाग में कार्यरत आमोद एवं पणकर निरीक्षकों को वाणिज्य कर विभाग में मृत संवर्ग के रूप में निरीक्षक संवर्ग का गठन करते हुये दिनांक 09.03.2019 को संविलियन किया गया था। किन्तु राज्य कर विभाग में निरीक्षक संवर्ग का कोई कैडर न होने के कारण उनका भविष्य अधर में अटक गया। राज्य कर विभाग में निरीक्षकों का कोई कैडर न होने के कारण भविष्य मंे पदोन्नति के उनके सभी रास्ते बंद हो गये।

इस आदेश के बाद से उत्तर प्रदेश मनोरंजन कर निरीक्षक संघ लगातार प्रयास कर रहा था कि राज्य कर विभाग में उसे एक पद उच्चीकृत कर दिया जाये जिससे वह भी मुख्यधारा में आ जायें। लंबी शासकीय प्रक्रिया के बाद कार्मिक एवं वित्त विभाग की संस्तुति से निरीक्षकों को उच्चीकृत कर राज्य कर अधिकारी बनाने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया। इस संबंध में शासन द्वारा दिनांक 18.01.2024 को कार्यालय ज्ञाप जारी किया गया। शासन के कार्यालय ज्ञाप के क्रम में आयुक्त राज्य कर द्वारा दिनांक 19.01.2024 को निरीक्षकों को राज्य कर अधिकारी के पर उच्चीकृत किये जाने का आदेश जारी कर दिया।

उत्तर प्रदेश मनोरंजन कर निरीक्षक संघ के महामंत्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने संघ की ओर से माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी, राज्य कर विभाग के अपर मुख्य सचिव राज्य श्री नितिन रमेश गोकर्ण एवं आयुक्त राज्य कर मिनिस्ती एस का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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