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KGMU में ‘लव जिहाद’ का साया! धर्मान्तरण के दबाव में महिला डॉक्टर ने की खुदकुशी की कोशिश, खुफिया एजेंसियों समेत प्रशासन ने शुरू की जांच

लखनऊ (Lucknow): किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह कोई मेडिकल उपलब्धि नहीं, बल्कि एक बेहद संवेदनशील और गंभीर मामला है। यहाँ पैथोलॉजी विभाग (Pathology Department) की एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने कथित तौर पर धर्मान्तरण के दबाव और प्रेम प्रसंग में मिले धोखे के चलते खुदकुशी की कोशिश की है। इस घटना ने पूरे मेडिकल कॉलेज परिसर में हड़कंप मचा दिया है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए KGMU प्रशासन के साथ-साथ खुफिया एजेंसियों (Local Intelligence Unit) ने भी इसकी जांच शुरू कर दी है। पीड़िता और उसके परिजनों ने मुख्यमंत्री पोर्टल और राज्य महिला आयोग में भी गुहार लगाई है।

प्रेमजाल, धोखा और फिर धर्म बदलने की शर्त

जानकारी के मुताबिक, पीड़िता और आरोपी डॉक्टर दोनों KGMU के पैथोलॉजी विभाग में फर्स्ट ईयर के रेजिडेंट छात्र हैं। दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। आरोप है कि आरोपी डॉक्टर ने महिला डॉक्टर को शादी का झांसा दिया और उसका यौन शोषण किया।

रिश्ता आगे बढ़ने पर जब पीड़िता ने शादी की बात की, तो आरोपी ने “धर्म परिवर्तन” (Religious Conversion) की शर्त रख दी। उसने साफ कहा कि निकाह तभी होगा, जब वह अपना धर्म बदलेगी। जब महिला डॉक्टर ने इससे इनकार किया, तो आरोपी ने उससे किनारा कर लिया और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।

पहले से शादीशुदा निकला आरोपी

पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि आरोपी डॉक्टर ने अपनी असलियत छिपाई थी। जांच-पड़ताल में यह बात सामने आई है कि आरोपी ने फरवरी माह में ही एक अन्य हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन करवाकर उससे निकाह कर लिया था। यह बात जब पीड़िता को पता चली, तो वह गहरे सदमे में चली गई। आरोपी ने यह भी दलील दी कि वह अपनी पहली पत्नी को छोड़कर पीड़िता से शादी कर लेगा, लेकिन शर्त वही रहेगी— “धर्म परिवर्तन”।

आत्महत्या की कोशिश और रिकवरी

मानसिक प्रताड़ना और धोखे से टूट चुकी महिला डॉक्टर ने आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाने की कोशिश की। उसकी हालत बिगड़ने पर उसे तुरंत KGMU के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। शुरुआती इलाज के बाद उसे क्रिटिकल केयर मेडिसिन (CCM) विभाग के आईसीयू में शिफ्ट किया गया।
राहत की बात यह है कि समय पर इलाज मिलने से उसकी जान बच गई। हालत में सुधार होने के बाद 19 दिसंबर को उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है, लेकिन वह अभी भी गहरे मानसिक आघात में है।

मामले को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने सोमवार 22 दिसंबर को धर्मांतरण एवं लव जिहाद के विरोध में प्रदर्शन का आह्वान किया है। इसके साथ ही केजीएमयू प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

एक्शन में प्रशासन और एजेंसियां

इस मामले के तूल पकड़ते ही KGMU प्रशासन सतर्क हो गया है। KGMU के प्रवक्ता डॉ. के.के. सिंह ने पुष्टि की है कि मामले का संज्ञान लिया गया है और आंतरिक जांच चल रही है। वहीं, मामला दो समुदायों और धर्मान्तरण से जुड़ा होने के कारण खुफिया एजेंसियां (Intelligence Agencies) भी सक्रिय हो गई हैं ताकि किसी भी तरह के सांप्रदायिक तनाव को रोका जा सके। दोनों पक्षों के परिजनों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

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