KGMU : फिजियोथेरेपी के विद्यार्थी अब सीखेंगे पलमोनरी रिहैबिलिटेशनः डा0 सोनिया नित्यानंद
KGMU के Respiratory Medicine विभाग में मनाया गया विश्व फिजियोथैरेपी दिवस, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में निशुल्क पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन की सुविधाः डा0 सूर्यकान्त

LUCKNOW: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के रेस्पीरेटरी मेडिसिन में फिजियोथेरेपी के विद्यार्थी अब पलमोनरी रिहैबिलिटेशन भी सीखेंगे। रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में मरीजो को निशुल्क पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग (Respiratory Medicone) में प्रदेश का पहला ’पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर’ (Pulomonary Rehabilitation Centre) संचालित है, जहाँ सांस के रोगियों को फिजियोथेरेपी कराई जाती है। इससे रोगियों के फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और वे अपने दैनिक कार्य बिना सांस फूले कर सकते हैं।
’पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर’ के प्रमुख डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि केजीएमयू का यह सेंटर सांस के मरीजों को निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराता है। इस सेंटर पर अब तक 2000 से अधिक मरीजों को निःशुल्क उपचार प्रदान किया जा चुका है। मरीजों की सुविधा के लिए ’ऑफलाइन’ और ’ऑनलाइन’ दोनों प्रकार की सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। उन्होंने अपने व्याख्यान में यह भी कहा-’’“न पर्चा, न चर्चा, न खर्चा रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में निःशुल्क है सुविधा।
शुरू किया जाएगा प्रशिक्षण
कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय कुलपति डॉ. (प्रो.) सोनिया नित्यानंद ने किया। वीसी प्रो. सोनिया ने रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में संचालित पीआरसी की विशेष सराहना की और यह भी बताया कि नैक की टीम ने भी ’पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर’ की प्रशंसा की थी। इस उपलब्धि के लिए कुलपति महोदया ने डॉ. सूर्यकान्त और विभाग के सभी चिकित्सकों एवं पीआरसी टीम को बधाई दी। साथ ही यह घोषणा की कि अब से फिजियोथेरेपी विद्यार्थियों के लिए फेफड़े की फिजियोथेरेपी सीखने हेतु 2 सप्ताह का प्रशिक्षण अनिवार्य होगा।
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इस संबंध में पैरामेडिकल के डीन डॉ. के.के. सिंह ने बताया कि जल्द इसके लिए आदेश जारी किया जाएगा। केजीएमयू (KGMU) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है जिसके लिए डॉ. सूर्यकान्त ने कुलपति महोदया और डॉ. के.के. सिंह का आभार व्यक्त किया।
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’पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर’ के सह-प्रभारी डॉ. अंकित कुमार ने बताया कि पीआरसी पर फिजियोथेरेपी के 2 सप्ताह के प्रशिक्षण के दौरान सांस के मरीजों की फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने हेतु कौन-कौन से व्यायाम आवश्यक हैं, इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस कार्यक्रम में राम मनोहर लोहिया के पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार वर्मा ने स्वस्थ जीवन में पल्मोनरी के योगदान पर अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही राम मनोहर लोहिया से डॉ. पूनम तिवारी ने भी स्वस्थ जीवन में पोषण की उपयोगिता पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि ’पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर’ में डॉ. शिवम श्रीवास्तव, डॉ. प्रकृति मिश्रा, दिव्यानी गुप्ता एवं पवन कुमार पाण्डेय कुल चार लोगों की टीम कार्यरत है।
विभाग से डॉ. आर.ए.एस. कुशवाहा, डॉ. दर्शन के. बाजाज, डॉ. आनंद श्रीवास्तव, डॉ. ज्योति बाजपेयी एवं ’सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च’ की डॉ. मिनाक्षी तिवारी एवं डा0 बंदना चक्रवर्ती उपस्थित रहीं।
केजीएमयू से डा0 निशा मणी पाण्डे, डा0 अरविन्द कुमार, डा0 विवेक गुप्ता, डा0 अभिषेक आर्या, हिन्दी इस्टिट्यूट की वायस डीन ऑफ पैरामेडिकल डा0 सुबिया हस्सन, सैफाई मेडिकल कालेज के पैरामेडिकल सांइस की फिजियोथेरेपिस्ट डा0 अंजली अग्रवाल ने भी कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर लगभग 200 से अधिक चिकित्सक, फिजियोथेरेपिस्ट एवं फिजियोथेरेपी के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।