स्वास्थ्य

महानिदेशक परिवार कल्याण ने किया 102 नेशनल एम्बुलेंस सेवा कॉल सेंटर का निरीक्षण

लखनऊ: महानिदेशक परिवार कल्याण डॉ. सुषमा सिंह ने 102 नेशनल एम्बुलेंस सेवा के आशियाना, लखनऊ स्थित कॉल सेंटर का निरीक्षण किया। इसी कॉल सेंटर से सम्‍पूर्ण उत्‍तर प्रदेश में गर्भवती महिलाओं एवं दो वर्ष तक के बच्‍चों को एम्‍बुलेंस सेवाएं उपलब्‍ध कराई जाती हैं।

निरीक्षण के दौरान, डॉ. सुषमा सिंह ने कॉल सेंटर में आने वाली कॉल्स के प्रबंधन प्रक्रिया का गहराई से अध्ययन किया। उन्होंने यह समझा कि कॉल आने पर मरीजों को निकटतम उपलब्ध एम्बुलेंस कैसे असाइन की जाती है और एम्बुलेंस की मॉनिटरिंग सहित पूरी प्रक्रिया कैसे संचालित होती है।

इसके बाद उन्होंने 102 सेवा की एम्बुलेंस का भी निरीक्षण किया और उसमें उपलब्ध दवाइयों और उपकरणों की जांच की। निरीक्षण के बाद, डॉ. सिंह ने मरीजों को प्रदान की जा रही सेवाओं पर संतोष व्यक्त किया।

इस मौके पर 102 नेशनल एम्बुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी मोहम्मद नासिर, ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट टीवीएसके रेड्डी, स्टेट हेड संदीप दुबे, ईआरसी हेड रोहित श्रीवास्‍तव सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

वर्तमान में उत्‍तर प्रदेश सरकार की ओर से 102 सेवा की 2270 एम्‍बुलेंसों का संचालन जा रहा है। यह एम्‍बुलेंस सेवा गर्भवती महिलाओं एवं 2 साल तक के बच्‍चों के लिए सरकार की ओर से पूरी तरह से फ्री या नि:शुल्‍क है।

हाई रिस्क प्रेगनेंसी केसेज में मरीजों की जिंदगी बचा रही एम्बुलेंस

उत्‍तर प्रदेश सरकार की ओर से सं‍चालित की जा रही 102 एम्‍बुलेंस सेवा गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ी मददगार साबित हो रही है। विशेषकर हाई‍ रिस्‍क प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए 102 सेवा जीवनदायिनी साबित हो रही है। गर्भवती महिलाओं को किसी भी इमरजेंसी के समय 24 घंटे यह एम्‍बुलेंस अस्‍पताल ले जाती है। 102 एम्‍बुलेंस सेवाओं के कारण प्रदेश में मातृ शिशु मृत्‍यु दर में भारी कमी आई है।

आप 102 पर कब डाॅयल कर सकते हैं

-गर्भवती महिला एवं 2 साल तक बच्‍चे को घर से सरकारी अस्‍पताल जाना हो या इलाज के बाद वापस घर जाना हो।

-एक अस्‍पताल से दूसरे उच्‍च अस्‍पताल में रेफर किए जाने पर गर्भवती महिला व 2 वर्ष तक के शिशु के लिए।

-इस एम्बुलेंस सेवा में जन्म के बाद जच्चा-बच्चा के घर तक निःशुल्क छोड़ने की सुविधा है।

-102 एम्बुलेंस सेवा में दो साल तक के बच्चे को किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर घर से अस्पताल लाने और वापस अस्पताल से घर तक छोड़ने की सुविधा है।

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