Lucknow: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा घोषित विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025 (World No Tobacco Day) के अवसर पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू), लखनऊ के दंत विज्ञान संकाय के पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग ने एक व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य युवाओं और स्वास्थ्य पेशेवरों को तंबाकू उद्योग की भ्रामक और लुभावनी रणनीतियों को पहचानने और उनका विरोध करने के लिए सशक्त बनाना था।
युवाओं को लक्ष्य बना रहा तंबाकू उद्योग
इस जनहित अभियान का नेतृत्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. विनय कुमार गुप्ता ने किया। उन्होंने भारतीय रेलवे परिवहन प्रबंधन संस्थान (IRITM) और एक कॉलेज में आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से 150 से अधिक प्रतिभागियों को संबोधित किया। डॉ. गुप्ता ने बताया कि तंबाकू उद्योग किस प्रकार विज्ञापनों, प्रायोजनों और डिज़ाइन की आड़ में युवाओं को अपने जाल में फँसाने की कोशिश करता है।
उन्होंने IRITM में एक निःशुल्क मौखिक कैंसर जांच शिविर का भी आयोजन करवाया, जिससे कर्मचारियों और अधिकारियों को तंबाकू जनित रोगों की समय पर पहचान में मदद मिले।
डॉ. गुप्ता द्वारा आम जनता के लिए आयोजित ऑनलाइन वेबिनार में युवाओं में बढ़ती तंबाकू की लत और उससे उत्पन्न खतरों पर गंभीर चर्चा हुई। उन्होंने विशेष रूप से निकोटिन उत्पादों के ग्लैमराइजेशन और डिजिटल माध्यमों से फैल रहे दुष्प्रभावों पर चेताया।
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छात्रों की सक्रिय भागीदारी
विभाग की सह-प्राध्यापिका डॉ. निशिता कंकाणे ने संबोधित करते हुए उन्हें बताया कि वे न केवल स्वास्थ्य कर्मी हैं, बल्कि समाज में परिवर्तन लाने की क्षमता रखने वाले प्रभावशाली प्रतिनिधि भी हैं। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अपने समुदायों में जागरूकता फैलाएं।
इस क्रम में, पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों ने लोगों को तंबाकू उद्योग की चालाक रणनीतियों से परिचित कराया। बच्चों ने रचनात्मक ढंग से पोस्टर और लेखन के माध्यम से “तंबाकू क्यों नहीं?” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
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नुक्कड़ नाटक और “नो स्पिटिंग” अभियान
केजीएमयू के डेंटल छात्रों ने नुक्कड़ नाटकों (स्ट्रीट प्ले) के माध्यम से मेडिकल और डेंटल ओपीडी में आने वाले मरीजों को तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति सचेत किया। वहीं, नर्सिंग और डेंटल छात्रों ने संयुक्त रूप से “नो स्पिटिंग” अभियान चलाकर परिसर और आसपास के इलाकों में स्टिकर लगाए तथा लोगों को सार्वजनिक स्वच्छता और मौखिक स्वास्थ्य के लिए थूक न फैलाने की प्रेरणा दी।
अभियान की पहुंच केवल शहरी सीमाओं तक सीमित नहीं रही। सरोजिनी नगर और बंथरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष सत्र आयोजित कर मरीजों को Self Oral Examination यानी स्वयं मौखिक जांच का महत्व समझाया गया। उन्हें इसकी सही विधि सिखाई गई ताकि मौखिक कैंसर की शुरुआती पहचान संभव हो सके।
अभियान का समापन एक सामूहिक संकल्प समारोह के साथ हुआ, जिसमें सैकड़ों आम नागरिकों, छात्रों और स्वास्थ्यकर्मियों ने तंबाकू छोड़ने और तंबाकू-मुक्त जीवन जीने की शपथ ली।
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