Sandeep Yadav: आज उनका जन्मदिन है जिन्होंने कर्म की प्रधानता को मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म बताया। जिन्होंने ‘कर्म कर और फल की इच्छा न कर’ का सूत्र दिया। जो अपने शिष्य को जीत दिलाने के लिए उसके सारथी (ड्राइवर) तक बने।
जिनके मन में अथाह धैर्य था लेकिन अगर उनके धैर्य को किसी ने उनकी कमज़ोरी समझी तो उसको समूल नष्ट करने की ताक़त भी थी। जो अहंकारियों को बार बार सुधर जाने की सलाह देते थे लेकिन व्यक्ति के ना मानने पर उसके परिणाम के दर्शन भी करवा देते थे।जिसका भला करने पर आ जाते थे उसका भला करके ही दम लेते थे। जिन्होंने साम दाम दंड भेद से युद्ध जीतना सिखाया।
जिन्होंने बताया कि तुम सब मेरे अंश हो मैंने ही तुम्हें एक यात्रा पर भेजा है, अपने कर्म से ही तुम अपने आगे के जन्म और आगे का फल तय करोगे। जिन्होंने पाखंड, झूठे कर्म कांड, कुरीतिओं का विरोध किया आम जनता को उससे लड़ना सिखाया, जिन्होंने समाज में फैले राक्षसों को साफ़ किया।
जिन्होंने महिलाओं को सम्मान दिलाया, उनसे प्रेम करना सिखाया। जिन्होंने गुरुओं का सम्मान करना सिखाया और ज़ात पात ऊँच- नीच वर्ण आदि के भेदभाव को सिरे से नकारा तथा कर्म के आधार पर व्यक्ति को संज्ञा दी। जिन्होंने सिखाया की दूसरों के लिए कैसे जिया जाए कैसे उनके काम आया जाए, कैसे उन्हें संकट से उभारा जाये।
जो भगवान की तरह नहीं बल्कि सबसे मित्रवत् पेश आये। जिन्होंने दूसरों को यश दिलाया तथा जहां अपयश लेने की बारी आयी अपने को आगे किया। जब अपना मित्र या शिष्य अहंकार से भर जाए तो उसे आईना दिखाना भी दिखाया ।
जिन्होंने गीता का ज्ञान दिया। जो अपने मित्र से मिलने के लिए नंगे पाँव द्वार तक दौड़े चले गये, भावुकता वश अपने आँसुओ से मित्र के पैर धो डाले, जिन्होंने अपने मित्र को दोनों लोक दे दिये और अपनी परवाह कभी नहीं की।
जिसका कोई न हुआ उसके वो हो गये। ऐसे मेरे प्रभु, यदुकुल के गौरव श्री कृष्ण के जन्मदिवस की सभी मानव जाति, पशु पक्षी, जीव, प्रकृति व ब्रह्माण्ड के कण कण को बधाई।
संदीप यादव
(लेखक अभिनेता व पूर्व पत्रकार हैं) , संदीप को सोशल मीडिया पर फालो करने के लिए लिंक पर क्लिक करें
https://x.com/actorsandeep_ https://www.facebook.com/sandyart22