बलिया : डॉ. वेंकटेश मौआर की संदिग्ध मृत्यु पर सपा ने उठाए सवाल

BALIA: बलिया जिले के स्वास्थ्य विभाग को सोमवार को एक गहरा झटका लगा, जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बांसडीह के अधीक्षक डॉ. वेंकटेश मौआर (उम्र 45 वर्ष) की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। यह घटना न केवल जिले की चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था को उजागर करती है, बल्कि उस तंत्र पर भी सवाल खड़े करती है जिसमें एक कर्तव्यनिष्ठ और विवादों से दूर रहने वाले डॉक्टर को रहस्यमयी हालात में अपनी जान गंवानी पड़ी।

डॉ. वेंकटेश मौआर जिले के विभिन्न अस्पतालों में अपनी सेवा दे चुके थे और वर्तमान में बांसडीह सीएचसी के साथ-साथ मनियर सीएचसी का भी अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे। अपने शांत स्वभाव, कार्यनिष्ठा और जनसेवा के प्रति समर्पण के चलते वे आम जनता में बेहद लोकप्रिय थे। उनके निधन से चिकित्सा जगत में शोक की लहर फैल गई है।

इस दुखद घटना पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “एक सच्चे डॉक्टर को साजिश के तहत विवादों में उलझा दिया गया। जब धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम आदमी का स्वास्थ्य कैसे सुरक्षित रहेगा?” उन्होंने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है।

चौधरी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग आज खुद आईसीयू में है। डॉक्टर डर और दबाव के माहौल में काम करने को मजबूर हैं। यह हालात बेहद चिंताजनक हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी मृतक डॉक्टर के परिवार के साथ खड़ी है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी।

वहीं, समाजवादी पार्टी के बलिया जिला उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता सुशील कुमार पांडेय “कान्हजी” ने मृतक डॉक्टर के परिवार को सम्मानजनक नौकरी और उचित मुआवजा देने की मांग उत्तर प्रदेश सरकार से की है। उन्होंने कहा कि डॉ. मौआर की मौत केवल एक व्यक्ति की मृत्यु नहीं, बल्कि एक सिस्टम की असफलता की प्रतीक है।

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