TET Exam : 25-30 साल की सेवा के बाद परीक्षा देने के आदेश पर शिक्षकों में नाराज़गी
पीएम को पत्र भेजकर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ करेगा कानून में संशोधन की मांग, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ 11 सितंबर को डीएम के माध्यम से भेजेगा पीएम और शिक्षामंत्री को ज्ञापन

LUCKNOW: बेसिक शिक्षा विभाग में सेवा के कई दशक बीतने के बाद अब शिक्षकों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (TET) परीक्षा पास करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। अब इस आदेश के बाद शिक्षकों की तरफ से प्रधानमंत्री और शिक्षामंत्री को पत्र भेजकर नियमों में संशोधन करने की मांग की जा रही है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ की तरफ से भी 11 सितंबर को ज्ञापन दिया जाएगा।
रायबरेली के जिलाध्यक्ष राघवेंद्र यादव ने कहा कि नौकरी में आने के बाद टीईटी (TET) की अनिवार्यता को थोपना उचित नहीं है। उन्होंने इसकी तुलना खेल से करते हुए कहा कि जैसे खेल शुरू होने के बाद नियम नहीं बदले जा सकते, वैसे ही यह निर्णय भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा के सम्बंध में 01 सितंबर 2025 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया है।
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इस निर्णय का प्रभाव देश तथा प्रदेश के लाखों बेसिक शिक्षकों पर पड़ेगा। यह आदेश शिक्षकों के हितों के विपरीत प्रतीत होता है। दशकों से विभागीय सेवा शर्तों के साथ सेवा देते आ रहे शिक्षकों के हितों पर प्रति कूल प्रभाव है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम एवं एनसीटीई अधिनियम लागू होने के पूर्व नियुक्त शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा से छूट प्रदान करने हेतु अधिनियम में संशोधन हेतु एक मांग पत्र देश के प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री को सम्बोधित ज्ञापन 11 सितंबर को के जिलाधिकारी के माध्यम से दिया जाएगा।
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जिला महामंत्री सियाराम सोनकर ने कहा पीएम को ज्ञापन देने के बाद 13 से 26 सितंबर तक लोकसभा सांसदों एवं राज्य सभा सांसदों के माध्यम से भारत सरकार को संशोधन करने का मांग पत्र दिया जाएगा।
कोषाध्यक्ष शिवशरण सिंह ने कहा कि अगर इसके बाद भी हम शिक्षकों की मांग पर भारत सरकार की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जाता है और संशोधन हेतु कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो देश तथा प्रदेश का लाखों बेसिक शिक्षक अपनी मांगों हेतु देश की राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान अथवा जंतर मंतर पर अनवरतशांति पूर्ण धरना कानून में संशोधन होने तक किया जाएगा।