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वैज्ञानिक सोच को मिले बढ़ावा, BIS ने बाराबंकी में छात्राओं के लिए आयोजित की प्रेरणादायक कार्यशाला

Barabanki: भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा “लर्निंग साइंस वाया स्टैंडर्ड्स (LSVS)” कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, ज़ैदपुर में एक ज्ञानवर्धक व संवादात्मक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य छात्राओं में वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना और मानकों के वास्तविक जीवन में उपयोग को उजागर करना था।

कार्यशाला का संचालन BIS के डॉ. आकाश यादव ने किया, जिन्होंने छात्राओं को यह समझाने का प्रयास किया कि कैसे सामान्य उपयोग की वस्तुओं — जैसे बॉलपॉइंट पेन या फुटबॉल — में भी वैज्ञानिक अवधारणाएं और गुणवत्ता मानक समाहित होते हैं।

उन्होंने कहा, “जब हम किसी उत्पाद में सुरक्षा, स्थायित्व और गुणवत्ता देखते हैं, तो दरअसल हम विज्ञान को उसके व्यावहारिक रूप में अपनाते हैं। मानक विज्ञान का वह स्वरूप हैं जो हमारे जीवन को बेहतर बनाता है।”

डॉ. यादव ने BIS द्वारा मासिक आधार पर आयोजित की जाने वाली ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता की जानकारी भी दी, जिसमें भाग लेने वाले छात्र पुरस्कार जीत सकते हैं। उन्होंने छात्राओं को इन गतिविधियों में भाग लेकर अपने अंदर की वैज्ञानिक जिज्ञासा को जीवित रखने के लिए प्रेरित किया।

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इस कार्यशाला में कक्षा 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। वे न केवल प्रश्न पूछने में सक्रिय रहीं, बल्कि विज्ञान को नए दृष्टिकोण से देखने की प्रेरणा भी पाई।

कार्यक्रम को सफल बनाने में BIS की मेंटर श्रीमती अलका और विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. मंजू श्रीवास्तव का विशेष योगदान रहा। दोनों ने मिलकर इस आयोजन को प्रभावशाली और विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बनाया।

सत्र के अंत में छात्राओं ने ऐसे और कार्यक्रमों की मांग की, जिनसे वे विज्ञान और मानकों के बीच के संबंध को और गहराई से समझ सकें। BIS का यह प्रयास शिक्षा और विज्ञान के संगम की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम के रूप में सामने आया है।

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