
Lucknow: मंगलवार को विद्युत व्यवस्था की समीक्षा के दौरान अध्यक्ष पावर कारपोरेशन (UPPCL) आशीष गोयल ने कहा कि जो कर्मी जेल जाना चाहते हैं उनसे विकल्प ले लिया जाए। मैं उन्हें सम्मान जेल भिजवा दूंगा। चेयरमैन के इस बयान पर बुधवार को बिजली कर्मियों ने आक्रोश जताया। संयुक्त संघर्ष समिति ने चेयरमैन गोयल के बयान को दमनात्मक मानसिकता करार देते हुए आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है।
संघर्ष समिति ने दोहराया कि अगर ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण (Privatization) का टेंडर निकाला गया, तो बिजली कर्मचारी जेल भरो आंदोलन (Jail Bharo Andolan) चलाएंगे। आपातकाल (Emergency) की 50वीं वर्षगांठ पर कर्मचारियों ने ऐलान किया कि अन्याय और दमन के खिलाफ यह लड़ाई और भी मजबूत होगी। संघर्ष समिति के संयोजक ने आरोप लगाया कि मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान डॉ. गोयल ने सभी एमडी और उच्चाधिकारियों को निर्देश दिया कि जो कर्मचारी जेल जाना चाहते हैं, उनसे दो दिन में रजिस्टर पर विकल्प ले लिया जाए। मैं उन्हें ससम्मान जेल भिजवा दूंगा।
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कर्मियों ने चेयरमैन के इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह बयान न सिर्फ लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है, बल्कि यह आपातकाल की याद दिलाने वाला है। अध्यक्ष निजीकरण थोपने के लिए झूठे आंकड़ों वाले टेंडर तैयार करवा रहे हैं।
संघर्ष समिति का कहना है कि साल 2000 की ऐतिहासिक हड़ताल में 25,000 बिजली कर्मियों ने जेल भरी थी, और यदि ज़रूरत पड़ी, तो 2025 में भी वही इतिहास दोहराया जाएगा। संघर्ष समिति ने दोहराया कि निजीकरण के खिलाफ उनकी लड़ाई रुकेगी नहीं। भ्रष्टाचार, झूठे तर्क और दमन के खिलाफ बिजली कर्मी, उपभोक्ता परिषद, किसान संगठन और अन्य हितधारक एकजुट हैं।
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जेल भरो आन्दोलन का किया था एलान
दो दिन पहले संघर्ष समिति की अगुवाई में राम मनोहर लोहिया लॉ कालेज के प्रेक्षागृह में बिजली महापंचायत (Mahapanchayat) का आयोजन किया गया। इस महापंचायत के दौरान कर्मियों ने एलान किया था कि पावर कारपोरेशन जैसे ही पूर्वांचल और दक्षिणांचल निगम के निजीकरण का टेण्डर जारी करेगा बिजली कर्मी विरोध में जेल भरो आन्दोलन शुरू कर देंगे।
कर्मियों ने यह भी घोषणा की थी कि आगामी 2 जुलाई से निजीकरण के खिलाफ चल रहा आन्दोलन और तेज किया जाएगा। इसी की प्रतिक्रिया में चेयरमैन आशीष गोयल ने मंगलवार को यह कहा कि जो जेल जाना चाहते हैं उनसे विकल्प ले लिया जाए। अब कर्मी चेयरमैन के बयान पर नाराजगी जता रहे हैं।