ट्रम्‍प का ‘फार्मा टैरिफ’ बम: भारतीय दवा उद्योग पर 100% टैरिफ

NEW DELHI: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर ऐलान किया है कि 1 अक्टूबर 2025 से ब्रांडेड और पेटेंटेड फार्मास्यूटिकल उत्पादों पर 100% टैरिफ लगेगा। उन्होंने लिखा, “1 अक्टूबर 2025 से हम हर ब्रांडेड या पेटेंट वाले फार्मा प्रोडक्ट्स पर 100 फ़ीसदी टैरिफ़ लगाने जा रहे हैं. यहां बनने वाली दवाइयों को इससे बाहर रखा जाएगा।” यह कदम ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति का हिस्सा है, जो विदेशी कंपनियों को अमेरिका में उत्पादन के लिए मजबूर कर सकता है।

अमेरिका का यह कदम भारतीय मेडिसिन इंडस्‍ट्री के लिए एक बड़ा झटका है। भारत को ‘फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड’ कहा जाता है। अमेरिका इसी भारत से 30 अरब डॉलर की दवाएं आयात करता है। अब नए टैरिफ से भारत से दवा निर्यात को बड़ा नुकसान हो सकता है। इससे भारतीय भारतीय फार्मा उद्योग का 44% राजस्व प्रभावित हो सकता है। हालांकि जेनेरिक दवाओं को छूट मिली है।

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्‍ट से दी जानकारी

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल  नए टैरिफ की घोषणा की। यह नए टैरिफ भारतीय फार्मा उद्योयो के साथ अन्‍य क्षेत्रों को भी प्रभावित करेंगे।

ये टैरिफ वैश्विक सप्लाई चेन पर असर डालेंगे।

भारत का दवा निर्यात: अमेरिका पर निर्भरता

भारत का फार्मास्यूटिकल उद्योग वैश्विक स्तर पर जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। वित्त वर्ष 2024-25 में निर्यात 30.47 अरब डॉलर तक पहुंचा, जिसमें अमेरिका का 44% हिस्सा है।

वित्त वर्ष निर्यात मूल्य (अरब डॉलर में) वृद्धि दर (%)
2020-21 24.5 18.0
2021-22 24.2 -1.2
2022-23 25.3 4.5
2023-24 27.8 9.9
2024-25 30.5 9.4

भारतीय फार्मा कंपनियों पर असर

विशेषज्ञों का मानना है कि 100% टैरिफ से ब्रांडेड दवाओं की कीमतें दोगुनी होंगी, जिससे सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, लुपिन जैसी कंपनियां प्रभावित होंगी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि निर्यात 10-15% घट सकता है। “जेनेरिक्स को छूट है, लेकिन ब्रांडेड सेगमेंट को झटका लगेगा,” इंडस्ट्री एनालिस्ट फेलिसिटी डीन ने कहा। कंपनियों को अमेरिका में निवेश बढ़ाना होगा, जो छोटी फर्म्स के लिए मुश्किल है। 1.5 लाख करोड़ रुपये का अमेरिकी बाजार खतरे में है।

ट्रंप की पुरानी रणनीति

अप्रैल 2025 में लगाए गए 50% सामान्य टैरिफ में फार्मा को छूट थी, लेकिन अब यह सीमित हो रही है। H1B वीजा पर 1 लाख डॉलर की फीस ने भारतीय पेशेवरों को प्रभावित किया है, जो फार्मा रिसर्च में 70% हिस्सा रखते हैं। इससे टैलेंट क्राइसिस बढ़ा है। भारत सरकार ने इसे ‘मानवीय संकट’ बताया है।

अमेरिका में बढ़ेगा दवा संकट, भारत में नौकरियाें पर खतरा !

टैरिफ से अमेरिका में सस्ती दवाओं की कीमतें बढ़ेंगी, जो 40% भारतीय आपूर्ति पर निर्भर है। भारत में 3 मिलियन रोजगार देने वाला फार्मा सेक्टर प्रभावित होगा। रिसर्च कोलैबोरेशन रुक सकते हैं, और कंपनियां यूरोप या अफ्रीका की ओर मुड़ेंगी।

जेनेरिक दवाओं की छूट से राहत है, और यह भारत को अमेरिकी निवेश के लिए प्रेरित कर सकता है। भारतीय वाणिज्य मंत्रालय WTO अपील और द्विपक्षीय वार्ता की योजना बना रहा है। ट्रंप के ट्रुथ सोशल पोस्ट्स ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है। क्या यह ट्रेड वॉर का नया दौर होगा? 1 अक्टूबर का इंतजार है।

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