लखनऊ में पर्यटकों के लिए होमस्टे होंगे नया आकर्षण, तैयार होंगे 800 होमस्टे

होटलों का विकल्प बनेंगे होमस्टे, रोजगार के भी खुले रास्ते : जयवीर सिंह

LUCKNOW: उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पर्यटकों को किफायती और बेहतर ठहरने की सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। पर्यटन विभाग की नई ‘उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेक फास्ट (बीएंडबी) एवं होमस्टे नीति 2025’ को स्थानीय निवासियों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। बड़ी संख्या में लखनऊवासियों ने अपने आवास को होमस्टे के रूप में पंजीकृत कराने में रुचि दिखाई है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि नई नीति (homestay) से न केवल राज्य में पर्यटन सुविधाओं का विस्तार होगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और आय के नए अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि धार्मिक एवं प्रमुख पर्यटन स्थलों पर अक्सर होटल कमरों की कमी रहती है, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है। नई नीति इस समस्या का समाधान करेगी और पर्यटकों को होटल के मुकाबले सस्ती दरों पर पारिवारिक माहौल में ठहरने का विकल्प उपलब्ध कराएगी।

न्होंने बताया कि इस नीति में वित्तीय प्रोत्साहन और अनुदान की भी व्यवस्था की गई है, ताकि राज्य के निवासियों को प्रोत्साहित किया जा सके कि वे अपने घरों से आमदनी प्राप्त करने का प्रयास करें। उन्होंने बताया, कि बीएंडबी एवं होमस्टे नीति 2025 के तहत अब पर्यटन स्थलों के आसपास कोई भी व्यक्ति अपने 01 से 06 कमरों तक के आवासीय भवन (जिसमें वह स्वयं निवास करता हो) को होमस्टे (homestay) के रूप में रजिस्टर करा सकता है। इसके अंतर्गत अधिकतम 12 बेड की अनुमति होगी। सम्पत्तिधारक द्वारा उसके आवासीय भवन के अधिकतम दो तिहाई कक्षों को ही किराये पर दिया जा सकेगा।

इच्छुक आवेदक इस योजना में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल (up-tourismportal.in) अथवा www.uptourism.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। यह योजना दो श्रेणियों गोल्ड और सिल्वर में वर्गीकृत की गई है। राज्य में पहले ऐसी कोई नीति न होने के कारण होमस्टे संचालकों को केंद्र सरकार के निधि प्लस पोर्टल पर पंजीकरण कराना पड़ता था। अब राज्य सरकार की नई नीति के तहत वे स्थानीय निकायों की अनापत्ति लेकर सरल प्रक्रिया से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। ज्ञात हो कि, अनुमति की प्रक्रिया जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की अगुवाई वाली कमेटी के माध्यम से पूरी की जाएगी।

लखनऊ में 800 होमस्टे तैयार होने का अनुमान

मंत्री ने जानकारी दी कि राजधानी लखनऊ में करीब 800 होमस्टे तैयार किए जाने का अनुमान है। इससे पर्यटकों के ठहरने की समस्या काफी हद तक दूर होगी। साथ ही राज्य निवासियों को अपने घरों को आय का स्रोत बनाने का अवसर भी मिलेगा। इसके लिए वित्तीय प्रोत्साहन और अनुदान की व्यवस्था की गई है।

नीति की विशेषताएं

मंत्री ने बताया कि पहले राज्य में ऐसी कोई नीति न होने के कारण होमस्टे संचालकों को केंद्र सरकार के पोर्टल पर पंजीकरण कराना पड़ता था। अब राज्य सरकार की इस पहल से प्रक्रिया सरल हो गई है। पंजीकरण की अनुमति जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता वाली कमेटी के माध्यम से दी जाएगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से न केवल लखनऊ, बल्कि पूरे प्रदेश में पर्यटन को नई दिशा मिलेगी। धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों पर आने वाले लाखों पर्यटकों को अब सस्ते और सुरक्षित ठहरने का विकल्प उपलब्ध होगा।

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