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खान पान में बदलाव से ही सुधर सकती है सेहत: आयुष मंत्री

आयुर्वेदिक कालेज ने मनाया 10वां राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस

Lucknow: आयुष राज्य मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने कहा कि आज लोगों की सेहत गलत खान पान के कारण बिगड़ रही है। अगर ताजा और पौष्टिïक भोजन किया जाए तो न केवल सेहत सुधरेगी बल्कि रोग भी दूर रहेंगे। बताया कि कई ऐसी बीमारियां हैं जो डिब्बा बंद बासी भोजन खाने से हो जाती है। खान पान में सुधार कर इनसे बचा जा सकता है।

आयुष मंत्री राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में सोमवार को आयोजित 10वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस समारोह में बोल रहे थे। डॉ. मिश्र ने कहा कि आयुर्वेद भारत की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है, जो रोगों के इलाज के साथ स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन जीने के बारे में भी सिखाती है। पहले आयुर्वेद दिवस धनतेरस के दिन मनाया जाता था, लेकिन हर साल तारीख बदलने से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में दिक्कत आती थी।

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इसलिए आयुष मंत्रालय ने वर्ष 2025 से 23 सितंबर को ही आयुर्वेद दिवस मनाने का निर्णय लिया है। यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि आज दिन और रात लगभग बराबर होते हैं। उन्होंने बताया कि इस साल की थीम ‘आयुर्वेद जन-जन के लिए, आयुर्वेद पृथ्वी के कल्याण के लिए’ है। कहा कि मोटे अनाज का सेवन, संतुलित खानपान और प्राकृतिक जीवनशैली अपनाकर निरोगी रहा जा सकता है। उन्होंने आयुर्वेद यूनानी एवं होम्योपैथी की प्रदर्शनी का निरीक्षण किया और विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने ‘आयुष देवशा’ पत्रिका का भी विमोचन किया।

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आयुर्वेद को लोगों तक पहुंचाएं

प्रमुख सचिव आयुष रंजन कुमार ने कहा कि आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाना और इसे स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाना समय की मांग है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद के जरिए रूग्णता और मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। महानिदेशक एवं निदेशक आयुर्वेद चैत्रा वी. के. ने समारोह में कहा कि शरीर में पंचमहाभूत का सामंजस्य ही स्वास्थ्य का आधार है। राष्ट्रीय आयुष मिशन उत्तर प्रदेश की निदेशक निशा अनंत ने बताया कि चिकित्सा पर्यटन में आयुष के लिए व्यापक संभावनाएं हैं और प्रदेश में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं।
विशेष सचिव आयुष हरिकेश चौरसिया ने कहा कि जिस प्रकार दिन दिन-रात बराबर होते हैं, उसी तरह मनुष्य और प्रकृति में संतुलन जरूरी है।

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आयुर्वेद दिवस पर निकाली बाइक रैली

आयुर्वेद के प्रति की रूचि बढ़े। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति और इसके प्रभाव के बारे जागरुकता बढ़ाने के लिए राजधानी लखनऊ में बाइक रैली निकाली गई। रैली को आयुष राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। रैली गोमती नगर के 1090 चौराहे से शुरू होकर जनेश्वर मिश्र पार्क गेट नम्बर 6 तक गई। रैली में राजकीय आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी तथा निजी मेडिकल कॉलेजों के लगभग 750 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। इस मौके पर डॉ. मिश्र ने कहा कि आयुर्वेद केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं बल्कि जीवन जीने की कला है। उन्होंने आहार-विहार की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि खानपान और दिनचर्या मौसम के अनुसार अपनाने से मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने युवाओं से आयुर्वेद को जीवनशैली में शामिल करने का अपील की। इस अवसर पर प्रमुख सचिव आयुष रंजन कुमार, महानिदेशक आयुष चैत्रा बी., विशेष सचिव आयुष हरिकेश चौरसिया, मिशन निदेशक आयुष निशा अनंत, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. राजकुमार यादव समेत विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

खान पान में बदलाव से ही सुधर सकती है सेहत आयुष मंत्री

भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को मिले मेडल

10वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर मडिय़ांव स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का विषय था ‘आयुर्वेद: स्वास्थ्य आधार-संतुलित जीवनशैली’। प्रतियोगिता में 40 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। विषय पर प्रतिभागियों को बोलने का 5-5 मिनट का समय दिया गया था। जूनियर और सीनियर वर्ग में विजेता रहे प्रतिभागियों को राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय की प्रभारी डॉ तृप्ति आर सिंह ने पदक व प्रमाण पत्र दिए।  डॉ तृप्ति ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए सभी को संतुलित जीवन शैली अपनाना चाहिए।

जूनियर वर्ग के विजेता

प्रथम- देवांश गुप्ता
द्वितीय- कृष्णा शुक्ला
तृतीय- शिवानी महापात्र

सीनियर वर्ग के विजेता

प्रथम- आर्यन सिंह
द्वितीय- शिवानी बाजपेयी
तृतीय- शिवम सिंह

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